8th Pay Commission: कम्यूटेड पेंशन की बहाली की मांग लंबे समय से की जा रही है और अब यह पुरानी मांग एक बार फिर चर्चा में आ गई है. फिलहाल, कम्यूटेड पेंशन (Commuted Pension) 15 साल बाद बहाल की जाती है, लेकिन कर्मचारी संगठन चाहते हैं कि सरकार इस अवधि को घटाकर 12 साल कर दे.
8वें वेतन आयोग की घोषणा के बाद कर्मचारियों को उम्मीद है कि सरकार इस बार इस मुद्दे पर विचार कर सकती है. वर्तमान में सरकार वेतन आयोग की शर्तें तय करने की प्रक्रिया में है, और इसी बीच कर्मचारी संगठनों ने अपनी मांगों को लेकर आवाज उठाना शुरू कर दिया है.
कर्मचारी संगठनों का क्या कहना है
कन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लॉइज एंड वर्कर्स जैसी बड़ी कर्मचारी यूनियनों का कहना है कि सरकार लगातार उनकी मांगों को नजरअंदाज कर रही है, जिससे कर्मचारियों और पेंशनर्स में नाराजगी बढ़ रही है. यूनियन ने हाल ही में देशभर में विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की है, जिसके तहत गेट मीटिंग और आम सभाएं आयोजित की गईं. जब कोई व्यक्ति रिटायर होता है, तो उसे हर महीने एक निश्चित राशि पेंशन के रूप में मिलती है. लेकिन कम्यूटेड पेंशन के तहत वह अपनी पेंशन का एक हिस्सा (आमतौर पर 40% तक) एकमुश्त ले सकता है.
8वें वेतन आयोग से जुड़ी कर्मचारियों की 6 प्रमुख मांगें8वें वेतन आयोग का गठन - कर्मचारियों की मांग है कि सरकार जल्द से जल्द 8वें वेतन आयोग का गठन करे और उनकी मांगों को शामिल करे.
नई पेंशन स्कीम (NPS) को खत्म कर पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) को फिर से लागू किया जाए.
महंगाई भत्ता (DA) की बहाली - कोविड-19 के दौरान महंगाई भत्ते की बढ़ोतरी रोक दी गई थी, जिसे तुरंत जारी किया जाए.
कम्यूटेड पेंशन की बहाली अवधि - इसे 15 साल से घटाकर 12 साल किया जाए.
अनुकंपा नियुक्तियों की सीमा हटाई जाए और रिक्त पदों को जल्द भरा जाए.
संगठनों का लोकतांत्रिक कामकाज सुनिश्चित किया जाए.
सरकार क्या सोच रही है
पेंशन कम्यूटेशन को लेकर सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है. कर्मचारी संगठन लगातार दबाव बना रहे हैं. 8वें वेतन आयोग की प्रक्रिया अभी शुरुआती दौर में है. आने वाले दिनों में यह स्पष्ट हो सकता है कि सरकार कर्मचारियों की इस अहम मांग को मानने के लिए तैयार होगी या नहीं.
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