मुंबई: भारतीय चीनी एवं जैव ऊर्जा निर्माता संघ (इस्मा) ने अनुमान लगाया है कि भारत सितंबर में समाप्त होने वाले चालू चीनी सत्र में लगभग सात लाख टन चीनी का निर्यात करेगा। सरकार ने 10 लाख टन चीनी के निर्यात की अनुमति दे दी है।
सरकार ने यह रियायत इस धारणा पर दी थी कि देश में चीनी का अधिक स्टॉक होगा, लेकिन चालू सीजन में चीनी का उत्पादन अपेक्षा से कम रहने की संभावना है। आईएसएमए सूत्रों ने बताया कि कम उत्पादन की स्थिति में चीनी की आपूर्ति प्रभावित हो सकती है।
प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, इस्मा के किरण वधावाना ने नई दिल्ली में एसएंडपी ग्लोबल शुगर कॉन्फ्रेंस में कहा कि भारत दस लाख टन की अनुमति के मुकाबले केवल सात लाख टन चीनी का निर्यात कर सकेगा।
सरकार न केवल देश में चीनी व्यापार को सख्ती से नियंत्रित कर रही है, बल्कि किसानों को गन्ने का उचित मूल्य दिलाने में भी सरकार का लगातार हस्तक्षेप हो रहा है।
उल्लेखनीय है कि चालू चीनी सीजन अक्टूबर से 15 अप्रैल तक देश में चीनी का कुल उत्पादन सालाना आधार पर 18.40 फीसदी घटकर 25.425 लाख टन रह गया है। चालू सीजन में चीनी उत्पादन खपत से कम रहने की उम्मीद है।
राष्ट्रीय सहकारी चीनी कारखाना महासंघ के आंकड़ों के अनुसार, देश के तीन राज्यों – उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक – में इस वर्ष चीनी उत्पादन में काफी गिरावट आई है।
महासंघ के सूत्रों ने पहले कहा था कि जिस तरह से चीनी उत्पादन में गिरावट आ रही है, उसे देखते हुए इसकी मांग से नीचे जाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। यह संभव है कि कई वर्षों के बाद देश में ऐसी स्थिति देखने को मिले, जिसमें चीनी का उत्पादन, चीनी की खपत से कम हो।
चालू वर्ष में शुद्ध चीनी उत्पादन 25.9 मिलियन टन होने की उम्मीद है, जबकि पिछले सीजन (अक्टूबर-सितंबर) 2023-24 में यह 31.9 मिलियन टन था।
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