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जीवन बीमा कम्पनियों की नई व्यावसायिक प्रीमियम आय में 5 प्रतिशत की वृद्धि

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मुंबई: वित्त वर्ष 2024-25 में नियामकीय बदलावों के बीच देश की जीवन बीमा कंपनियों की नये कारोबार से प्रीमियम आय सालाना आधार पर 5.13 प्रतिशत बढ़कर 3.97 लाख करोड़ रुपये हो गयी। जीवन बीमा परिषद के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 में नए व्यवसाय प्रीमियम से आय दो प्रतिशत बढ़कर 3.77 ट्रिलियन रुपये हो गई।

भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की नये व्यवसाय प्रीमियम से आय पिछले वित्त वर्ष में साल-दर-साल 1.86 प्रतिशत बढ़कर 2.27 ट्रिलियन रुपये हो गई। हालांकि, निजी क्षेत्र की जीवन बीमा कंपनियों की नये कारोबार से प्रीमियम आय 9.80 प्रतिशत बढ़कर 1.71 लाख करोड़ रुपये हो गयी।

भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण ने सरेंडर मूल्य मानदंडों को संशोधित कर 1 अक्टूबर 2024 से प्रभावी कर दिया है। नए मानदंडों के अनुसार, यदि किसी पॉलिसीधारक ने एक साल के लिए पूरे साल का प्रीमियम चुकाया है, तो ऐसी स्थिति में जीवन बीमा कंपनियों को पॉलिसी के पहले वर्ष के अंत में पॉलिसीधारक को अधिक विशेष सरेंडर मूल्य का भुगतान करना होगा। इससे पहले, यदि पॉलिसीधारक पहले वर्ष के अंत में अपनी पॉलिसी सरेंडर कर देता था तो बीमा कम्पनियों को ग्राहक को भुगतान नहीं करना पड़ता था।

इस नियामक परिवर्तन के कारण, पिछले वित्तीय वर्ष के अंतिम छह महीनों में सभी बीमा उत्पादों में नए व्यवसाय प्रीमियम के माध्यम से राजस्व वृद्धि धीमी हो गई।

वर्तमान ब्याज दर परिवेश के बीच समूह एकल प्रीमियम के मामले में नए व्यवसाय प्रीमियम के माध्यम से राजस्व वृद्धि लगभग स्थिर रही। परिषद के सूत्रों ने बताया कि इसके अलावा चालू वित्त वर्ष से व्यक्तिगत कर में दी गई राहत के कारण भी जीवन बीमा पॉलिसियों का आकर्षण कम हो रहा है।

पिछले वित्तीय वर्ष में, व्यक्तिगत पॉलिसियों के लिए नए व्यवसाय प्रीमियम से आय 11.30 प्रतिशत बढ़कर 1.67 ट्रिलियन रुपये हो गई, जबकि इससे पिछले वर्ष यह 1.50 ट्रिलियन रुपये थी। समूह प्रीमियम से आय 1.07 प्रतिशत बढ़कर 1.64 ट्रिलियन रुपये हो गई।

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