प्रदोष व्रत हर माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि और शुक्ल पक्ष को मनाया जाता है और इस बार शुभ तिथि 24 मई, शनिवार को है। भगवान शिव को समर्पित प्रदोष व्रत की तिथि जब शनिवार के दिन पड़ती है तो उसे शनि प्रदोष व्रत कहा जाता है। शिवपुराण में शनि प्रदोष व्रत की महिमा का वर्णन किया गया है। मान्यता के अनुसार शनि प्रदोष तिथि पर व्रत रखने और भगवान शिव की पूजा करने से सभी कष्ट दूर होते हैं और शनि की ढैय्या और साढ़ेसाती के अशुभ प्रभावों से भी मुक्ति मिलती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि प्रदोष तिथि के दिन भगवान शिव और शनिदेव की कृपा पाने के लिए कुछ विशेष उपाय बताए गए हैं। शनि प्रदोष व्रत के इन उपायों से हर क्षेत्र में लाभ होगा और सभी कार्य एक-एक करके पूरे होंगे। आइए जानते हैं शनि प्रदोष व्रत के उपाय।
शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए अपनाएं ये उपाय।शनि प्रदोष व्रत के दिन व्रत रखकर भगवान शिव की विधिवत पूजा करनी चाहिए। इसके अलावा तिल के तेल से शिवलिंग का अभिषेक करने का भी विशेष महत्व है। शनिदेव को तिल या सरसों का तेल चढ़ाना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान शिव और शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है।
कामना की पूर्तिशनि प्रदोष व्रत के दिन स्नान करने के बाद गंगा जल में काले तिल मिलाकर पीपल के पेड़ पर अर्घ्य दें। इसके अलावा पांच प्रकार की मिठाइयां रखें और हाथ जोड़कर उनकी 11 बार परिक्रमा करें। परिक्रमा करते समय पीपल देव से अपनी मनोकामनाएं कहते रहें। मान्यता है कि ऐसा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और शनि के अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलती है।
सारी समस्याएं दूर हो जाएंगी.शनि प्रदोष व्रत के दिन गाय को बूंदी के लड्डू खिलाएं और उसके माथे पर सिंदूर लगाकर उसकी पूजा करें। इसके अलावा इस दिन काले कुत्ते को तेल चुपड़ी रोटी खिलाएं। ऐसा करने से व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में चल रही कुछ समस्याएं दूर हो जाएंगी। आपको भगवान शिव और शनिदेव का भी आशीर्वाद प्राप्त होगा।
इन मंत्रों का जाप करें.शनि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा करने के बाद शनि प्रदोष व्रत की कथा पढ़ें या सुनें। इस मंत्र का भी 108 बार जाप करें: ऊँ ह्रीं क्लीं नम: शिवाय स्वाहा। ऐसा करने से आपको भगवान शिव का आशीर्वाद और सभी ग्रहों के शुभ फल प्राप्त होंगे।
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