Stock Market Crash Marathi News: एशिया से लेकर भारत तक के शेयर बाजारों में मंगलवार को भले ही उछाल देखने को मिला, लेकिन दुनिया के किसी भी देश में हालात सुधरते नहीं दिख रहे हैं। इंडोनेशिया में शेयर बाजार में फिर गिरावट आई। सप्ताह के दूसरे कारोबारी दिन शेयर बाजार में शुरुआती कारोबार में 9 प्रतिशत की गिरावट आई, जिसके कारण एक्सचेंज को कारोबार रोकना पड़ा। आइये जानें कि इंडोनेशिया में ऐसा क्या हुआ जिससे शेयर बाजार में अफरा-तफरी मच गई।
बाजार में कारोबार 30 मिनट तक रुका रहा।मंगलवार को जापान और हांगकांग जैसे एशियाई बाजार सोमवार की तेज गिरावट से उबरते नजर आए, वहीं भारतीय बाजार सूचकांक सेंसेक्स में शुरुआती कारोबार में 1250 अंकों की बढ़त दर्ज की गई, जबकि निफ्टी में 350 अंकों की बढ़त दर्ज की गई। अगर इंडोनेशियाई शेयर बाजार की बात करें तो शुरुआती कारोबार में यह 9 फीसदी गिरकर 5,882 पर आ गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बाजार में अचानक आई गिरावट के कारण करीब 30 मिनट तक कारोबार रोकना पड़ा।
इंडोनेशियाई शेयर बाजार में पिछले कुछ दिनों से गिरावट का रुख जारी है और यह 2021 के बाद सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। अब स्थिति ऐसी है कि व्यापार तक रोकना पड़ रहा है। इंडोनेशियाई शेयर बाजार पिछले साल 2021 के बाद से अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया। इंडोनेशियाई अर्थव्यवस्था के बारे में चिंता का माहौल नया नहीं है, लेकिन निवेशक लंबे समय से इन समस्याओं का सामना कर रहे हैं। देश के शेयर बाजार में पिछले मार्च के अंत तक गिरावट जारी रही।
इंडोनेशिया में व्यापार रोकने के नियम क्या हैं?बाजार विश्लेषक संभावना जता रहे हैं कि इंडोनेशियाई शेयर बाजार में गिरावट जारी रहेगी। देश के एक्सचेंजों ने व्यापार रोकने की अवधि निर्धारित कर दी है। इसके अनुसार, यदि प्रमुख सूचकांक 8 प्रतिशत से 15 प्रतिशत तक गिरता है तो कारोबार 30 मिनट के लिए रोक दिया जाता है, जबकि पहले यह सीमा 5 प्रतिशत थी, जिसे बढ़ा दिया गया था। दूसरी ओर, यदि सूचकांक में 20 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आती है, तो पूरे कारोबारी दिन के लिए कारोबार में विराम लग जाता है।
बाजार में गिरावट के ये प्रमुख कारण हैं।इंडोनेशिया की आर्थिक स्थिति पर साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट पर नजर डालें तो विशेषज्ञों ने बाजार में गिरावट के कई अन्य कारण बताए हैं। इसमें देश की आर्थिक नीतियों और आर्थिक दृष्टिकोण पर चिंता व्यक्त की गई है। ऐसी भी अटकलें हैं कि वित्त मंत्री मुलयानी राष्ट्रपति प्रबोवो के मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे सकते हैं। परमाटा बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री जोशुआ पारदेडे के अनुसार, नीतिगत दृष्टिकोण से, ये सभी चीजें निवेशकों के बीच अनिश्चितता बढ़ा रही हैं। इसका असर शेयर बाजार पर भी देखने को मिल रहा है।
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