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कोई मिसाइल अमेरिका पर हमला नहीं कर सकेगी, ट्रम्प किला बनाएंगे..

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प एक ऐसी मिसाइल रक्षा प्रणाली बनाना चाहते हैं जो अमेरिका पर किसी भी हमले को रोक सके। इस सिस्टम की सबसे बड़ी खासियत यह होगी कि यह अंतरिक्ष से आने वाली हाइपरसोनिक मिसाइलों से भी अमेरिका की रक्षा करने में सक्षम होगा। यह ट्रम्प का ड्रीम प्रोजेक्ट है, जिसकी लागत कई सौ अरब डॉलर हो सकती है। एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, इस प्रमुख परियोजना की जिम्मेदारी अब दुनिया के सबसे अमीर कारोबारी एलन मस्क को सौंपी गई है।

 

अब एलन मस्क का काम एक मजबूत मिसाइल रक्षा प्रणाली का निर्माण करना है जो अमेरिका को चीन, रूस या किसी भी दुश्मन देश के खतरों से बचा सके। ट्रम्प ने इस परियोजना को शुरू करने के लिए एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करते हुए कहा कि मिसाइल हमले अमेरिका के लिए सबसे बड़ा खतरा हैं। इसी कारण अमेरिका ने अपनी सुरक्षा के लिए इस उन्नत प्रणाली का निर्माण करने का निर्णय लिया है।

ट्रम्प को इजरायल का ‘आयरन डोम’ बहुत पसंद है

डोनाल्ड ट्रम्प लंबे समय से इजरायल की वायु रक्षा प्रणाली ‘आयरन डोम’ के बड़े प्रशंसक रहे हैं। शुरुआत में उन्होंने अपनी नई मिसाइल रक्षा प्रणाली का नाम ‘आयरन डोम’ रखने की भी बात कही थी। अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि नाम को लेकर कॉपीराइट और पेटेंट संबंधी मुद्दे हो सकते हैं। इसलिए नाम बदलने की सलाह दी गई है। इजरायली आयरन डोम केवल उन मिसाइलों को ही रोक सकता है जो लोगों के लिए सीधा खतरा पैदा करती हैं। यदि कोई मिसाइल क्षति नहीं पहुंचा सकती तो आयरन डोम उसे रोक नहीं सकता। ट्रम्प का ‘गोल्डन डोम’ ऐसा नहीं करेगा। यह हर आने वाली मिसाइल को रोक देगा, चाहे वह कितनी भी खतरनाक हो या नहीं।

अमेरिका की गोल्डन डोम परियोजना के बारे में जानें

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स को ‘गोल्डन डोम’ बनाने का ठेका मिला है। दो अन्य कंपनियां – पैलंटिर (जो सॉफ्टवेयर बनाती है) और एंडुरिल (जो ड्रोन बनाती है) – इस परियोजना पर स्पेसएक्स के साथ काम करेंगी। गोल्डन डोम अब तक बनाई गई किसी भी तकनीक से बहुत अलग और अधिक उन्नत होगा। इसकी मारक क्षमता इतनी अधिक होगी कि दुनिया की कोई भी मिसाइल अब तक इतनी दूर तक नहीं पहुंच सकी है। एलन मस्क की कंपनी इस सिस्टम को इस तरह से विकसित कर रही है कि यह अमेरिका को हाइपरसोनिक मिसाइलों, एक साथ ड्रोन हमलों (ड्रोन झुंड) और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़े किसी भी खतरे से बचा सके।

इस परियोजना के तहत एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स 1000 से अधिक उपग्रह बनाएगी। इन उपग्रहों का काम पृथ्वी की परिक्रमा करना और इस बात पर नजर रखना होगा कि अमेरिका की ओर कोई खतरा तो नहीं आ रहा है। अगर अमेरिका की तरफ कोई खतरा आएगा तो ये सैटेलाइट तुरंत उसे पहचान लेंगे और हमला कर उसे नष्ट कर देंगे

गोल्डन डोम इस तरह काम करेगा

लेजर हथियार: गोल्डन डोम में विशेष लेजर हथियार (निर्देशित ऊर्जा हथियार) होंगे जो प्रकाश की गति से उड़ने वाली मिसाइलों और ड्रोनों को तुरंत निशाना बनाकर नष्ट कर देंगे।

एआई-संचालित सेंसर नेटवर्क: इसमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) आधारित सेंसर प्रणाली होगी जो सभी तरफ से (360 डिग्री) खतरों का पता लगाने में सक्षम होगी।

बहु-परत इंटरसेप्टर: इनमें रक्षा के विभिन्न स्तर होंगे, जो छोटी, मध्यम और लंबी दूरी की मिसाइलों को रोकने का काम करेंगे।

 

अंतरिक्ष आधारित चेतावनी प्रणाली : अंतरिक्ष में स्थित यह प्रणाली किसी भी खतरे का पहले ही पता लगाकर अमेरिका को चेतावनी दे देगी।

सबसे पहले इन स्थानों पर होगी तैनाती: शुरुआत में यह सिस्टम व्हाइट हाउस, पेंटागन और अमेरिका के महत्वपूर्ण व संवेदनशील स्थानों की सुरक्षा के लिए लगाया जाएगा।

अन्य देशों के साथ साझेदारी: भविष्य में, अमेरिका अपने उन्नत संस्करण को नाटो देशों, इजरायल, जापान और शायद भारत के साथ भी साझा कर सकता है।

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