हाई ब्लड प्रेशर: हाई ब्लड प्रेशर आमतौर पर उन लोगों में अधिक पाया जाता है जो अधिक नमक खाते हैं, मोटापे, मधुमेह, स्लीप एपनिया, तनाव से पीड़ित होते हैं। बीपी को नियंत्रण में रखना बहुत जरूरी है, क्योंकि इससे हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक, क्रोनिक किडनी डिजीज और डिमेंशिया जैसी खतरनाक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
उच्च रक्तचाप के रोगी आमतौर पर इसे नियंत्रित करने के लिए दवाओं का सेवन करते हैं। लेकिन अगर आप बिना किसी दवा के रक्तचाप को कम करने का कोई प्राकृतिक तरीका खोज रहे हैं, तो इसके लिए ओक की छाल का काढ़ा बहुत फायदेमंद साबित होता है।
बी.पी. कितना होना चाहिए?
सीडीसी के अनुसार, 90/60 mmHg से 120/80 mmHg के बीच की सीमा में रक्तचाप को सामान्य माना जाता है। वहीं, अगर रक्तचाप की सीमा इससे बढ़कर 140/90 mmHg हो जाती है, तो इसे उच्च रक्तचाप माना जाता है और अगर यह 90/60 mmHg या इससे कम है, तो इसे निम्न रक्तचाप माना जाता है।
ओक वृक्ष की छाल से रक्तचाप पर नियंत्रण
इस पेड़ की छाल को औषधि के रूप में इस्तेमाल करने से रक्तचाप की समस्या से राहत मिलती है। अगर आपका रक्तचाप बढ़ा हुआ है, तो रोजाना खाली पेट ओक के पेड़ की छाल का काढ़ा पिएं, इससे कुछ ही समय में आपका रक्तचाप सामान्य सीमा में आ जाएगा।
ओक छाल के लाभ
– ओक की छाल का काढ़ा पाचन तंत्र को मजबूत करता है और अपच की समस्या को दूर करता है।
– मधुमेह के रोगियों के लिए ओक के पत्तों का काढ़ा फायदेमंद होता है।
– ओक के पेड़ों में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकते हैं । साथ ही इससे बचाव भी करते हैं।
इन बातों का भी रखें ध्यान
हाई बीपी को नियंत्रित करने के लिए खान-पान पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। अधिक वसा और नमक वाले खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए। इसके साथ ही बीपी की बीमारी से बचने के लिए नियमित शारीरिक व्यायाम करना फायदेमंद होता है।
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