भारत के कई हिस्सों में इस समय बारिश हो रही है, जिससे मानसून का आगमन हो चुका है। जून और जुलाई में बारिश के साथ-साथ गर्मी भी बढ़ती है, जिससे पेट की सेहत पर ध्यान देना आवश्यक हो जाता है। हमारे पाचन तंत्र में पेट और आंतें शामिल होती हैं, जो भोजन को पचाने और पोषक तत्वों को अवशोषित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इसे आमतौर पर गट कहा जाता है।
गट हेल्थ का महत्व
गट हेल्थ हमारे शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, इसलिए इसे स्वस्थ रखना आवश्यक है। गर्म और उमस भरे मौसम में पाचन संबंधी समस्याएं जैसे पेट फूलना या असहजता आम हो जाती हैं। ऐसे में कुछ सरल उपायों को अपनाना चाहिए, जो गट हेल्थ को बेहतर बनाते हैं।
विशेषज्ञों की सलाह
एशियन हॉस्पिटल के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के निदेशक डॉ. अमित मिगलानी का कहना है कि आंतों की सेहत बनाए रखने के लिए हमें अपनी डाइट और दैनिक आदतों पर ध्यान देना चाहिए।
हाइड्रेशन का ध्यान रखें
विशेषज्ञों के अनुसार, गट हेल्थ के लिए शरीर को हाइड्रेट रखना बहुत जरूरी है। गर्मी और उमस के कारण शरीर से पानी तेजी से निकलता है, जिससे पाचन प्रक्रिया प्रभावित होती है। इसलिए, पूरे दिन पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए। मट्ठा या लस्सी भी गट हेल्थ के लिए फायदेमंद होती है, क्योंकि ये प्रोबायोटिक्स प्रदान करती हैं।
हल्का भोजन करें
इस मौसम में हल्के और पचने में आसान भोजन का सेवन करना बेहतर होता है। तले-भुने या तीखे खाद्य पदार्थों से गैस और असहजता हो सकती है। फल, दही, खिचड़ी और उबली हुई सब्जियों का सेवन करें। फाइबर युक्त भोजन जैसे साबुत अनाज, केला, सेब और मौसमी सब्जियां भी शामिल करें।
सड़क के खाने से बचें
गर्मियों और बरसात में सड़क का खाना और ठंडे पेय पदार्थों से बचना चाहिए, क्योंकि ये आंतों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। सड़क के खाने में साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखा जाता, जिससे फूड पॉइजनिंग का खतरा बढ़ जाता है। ठंडे पेय, विशेषकर कोल्ड ड्रिंक्स, पाचन को प्रभावित करते हैं।
नाश्ता न छोड़ें
डॉक्टरों का कहना है कि इस मौसम में नाश्ता कभी नहीं छोड़ना चाहिए। सुबह का नाश्ता जैसे दलिया, फलों के साथ टोस्ट या मेवे के साथ दही फायदेमंद होते हैं।
नींद और तनाव का प्रबंधन
सही नींद और तनाव को नियंत्रित करना भी आंतों की सेहत के लिए महत्वपूर्ण है। पाचन तंत्र दिमाग से जुड़ा होता है, इसलिए नींद की कमी या तनाव से पाचन प्रभावित हो सकता है। प्रतिदिन 7-8 घंटे की नींद लेना आवश्यक है। तनाव कम करने के लिए योग, मेडिटेशन या अन्य पसंदीदा गतिविधियों को शामिल करें।
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