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अमेरिका का ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला: बी-2 स्टील्थ बॉम्बर की भूमिका

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अमेरिका का प्रत्यक्ष हस्तक्षेप

कई दिनों की अटकलों के बाद, अमेरिका ने इजरायल-ईरान विवाद में सीधे हस्तक्षेप करते हुए ईरान के तीन परमाणु स्थलों पर हमला किया है। इस कार्रवाई ने मध्य पूर्व में तनाव को और बढ़ा दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बताया कि फोर्डो, नटांज, और इस्फहान के परमाणु ठिकानों पर बी-2 स्टील्थ बॉम्बर का उपयोग किया गया। उन्होंने इसे अमेरिका, इजरायल और पूरी दुनिया के लिए एक ऐतिहासिक क्षण करार दिया।


बी-2 स्टील्थ बॉम्बर की विशेषताएँ

बी-2 स्टील्थ बॉम्बर क्या है?

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, बी-2 स्टील्थ बॉम्बर अमेरिकी वायुसेना का एक अनूठा हथियार है, जो तीन दशकों से अमेरिकी स्टील्थ तकनीक का आधार बना हुआ है। निर्माता नॉर्थरोप ग्रुम्मन के अनुसार, 1989 में अपनी पहली उड़ान के बाद से यह विमान विश्व का सबसे सुरक्षित और उन्नत विमान है, जो सबसे मजबूत शत्रु रक्षा प्रणालियों को भेदने में सक्षम है।


ट्रम्प का निर्णय

ट्रम्प ने बी-2 बॉम्बर का उपयोग क्यों किया?

शनिवार को बी-2 स्टील्थ बॉम्बर के गुआम की ओर रवाना होने की खबरों ने अटकलों को जन्म दिया था। माना जा रहा था कि ट्रम्प प्रशासन 30,000 पाउंड के मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर (MOP) का उपयोग फोर्डो के भूमिगत यूरेनियम संवर्धन केंद्र को नष्ट करने के लिए करेगा। ट्रम्प ने इन अटकलों को विराम देते हुए घोषणा की कि फोर्डो सहित तीन ठिकानों पर हमले किए गए, ताकि ईरान के परमाणु कार्यक्रम को समाप्त किया जा सके।

बी-2 ही एकमात्र अमेरिकी लड़ाकू विमान है, जो मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर को ले जाने में सक्षम है। प्रत्येक बी-2 बॉम्बर दो ऐसे बम ले जा सकता है, जो गहरे बंकरों को नष्ट करने में प्रभावी हैं। हालांकि, ट्रम्प ने यह स्पष्ट नहीं किया कि इन हमलों में किस प्रकार के हथियारों का उपयोग किया गया।


मध्य पूर्व में तनाव की स्थिति

मध्य पूर्व में बढ़ता तनाव

यह हमला मध्य पूर्व में तनाव को और गहरा कर सकता है। ईरान ने पहले ही चेतावनी दी थी कि अमेरिकी हस्तक्षेप की स्थिति में वह जवाबी कार्रवाई करेगा। वैश्विक समुदाय इस घटनाक्रम पर नजर रखे हुए है, क्योंकि यह क्षेत्रीय स्थिरता को प्रभावित कर सकता है।


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