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सोनिया गांधी ने ईरान के समर्थन में उठाई आवाज, इजराइल की नीतियों की आलोचना

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सोनिया गांधी का ईरान के प्रति समर्थन

नई दिल्ली। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इजराइल और ईरान के बीच चल रहे संघर्ष में ईरान का समर्थन किया है। उन्होंने केंद्र सरकार से भी आग्रह किया है कि वह ईरान के पक्ष में खड़ी हो। सोनिया ने इजराइल द्वारा ईरान पर किए गए हमलों की कड़ी निंदा की है। उन्होंने एक लेख में लिखा कि इजराइल खुद एक परमाणु शक्ति है, जबकि ईरान को बिना परमाणु हथियार के निशाना बनाया जा रहा है, जो कि इजराइल का दोहरा मापदंड है।


सोनिया गांधी ने ईरान को भारत का पुराना मित्र बताते हुए कहा कि भारत सरकार की चुप्पी चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि गाजा में हो रही तबाही और ईरान पर हो रहे हमलों के संदर्भ में भारत को स्पष्ट और जिम्मेदार तरीके से अपनी आवाज उठानी चाहिए। उन्होंने कहा, 'अभी भी समय है।' सोनिया ने यह भी कहा कि ईरान ने कई मौकों पर भारत का साथ दिया है। उन्होंने अपने लेख में उल्लेख किया कि 13 जून 2025 को इजराइल ने ईरान की संप्रभुता का उल्लंघन करते हुए एकतरफा हमला किया, जो कि गैरकानूनी और क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा है। कांग्रेस इन हमलों की निंदा करती है, जो क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर गंभीर अस्थिरता का कारण बन सकते हैं।


सोनिया गांधी ने अपने लेख में लिखा, 'गाजा पर हमले की तरह यह इजराइली ऑपरेशन भी क्रूर और एकतरफा है, जो आम नागरिकों की जान और क्षेत्रीय स्थिरता को पूरी तरह नजरअंदाज करते हुए चलाया गया। ऐसे कदम केवल अस्थिरता को बढ़ाते हैं और भविष्य में बड़े संघर्ष के बीज बोते हैं।' उन्होंने यह भी याद दिलाया कि ईरान और अमेरिका के बीच कूटनीतिक वार्ता चल रही थी, जिसमें इस साल पांच दौर की बातचीत हो चुकी थी और जून में छठे दौर की बातचीत होने वाली थी। इस समय पर यह हमला हुआ, जिससे वार्ता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।


सोनिया गांधी ने यह भी बताया कि मार्च में अमेरिका के राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड ने संसद में कहा था कि ईरान परमाणु हथियार बनाने की दिशा में काम नहीं कर रहा है। 2003 में इस कार्यक्रम को निलंबित किए जाने के बाद से ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह खामेनेई ने इसे फिर से शुरू करने की अनुमति नहीं दी है। सोनिया ने लिखा, 'इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की नेतृत्व में इजराइल ने लगातार शांति को भंग करने और आतंक को बढ़ावा देने का कार्य किया है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।'


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