नई दिल्ली। भारत ने स्पष्ट किया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध केवल द्विपक्षीय हो सकते हैं और वार्ता भी इसी आधार पर होगी। भारत ने यह भी कहा कि वार्ता और आतंकवाद एक साथ नहीं चल सकते। विदेश मंत्रालय की साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने पाकिस्तान के सहयोगी देश तुर्की को भी एक संदेश दिया।
रणधीर जायसवाल ने कहा, 'हमें उम्मीद है कि तुर्की, पाकिस्तान से कहेगा कि वह सीमा पार आतंकवाद का समर्थन करना बंद करे और उस आतंकी ढांचे के खिलाफ ठोस कदम उठाए, जिसे वह दशकों से पनाह दे रहा है।' उन्होंने यह भी कहा कि द्विपक्षीय संबंध एक-दूसरे की चिंताओं के प्रति संवेदनशीलता पर आधारित होते हैं। जायसवाल ने यह स्पष्ट किया कि सिंधु जल संधि तब तक स्थगित रहेगी जब तक पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन नहीं छोड़ता। उन्होंने कहा, 'जैसा कि प्रधानमंत्री ने कहा है, पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते। व्यापार और आतंकवाद भी एक साथ नहीं चल सकते।'
रणधीर जायसवाल ने आगे कहा, 'पाकिस्तान को भारत पर किए गए हमलों के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। आतंकवाद के सभी रूपों से निपटने के लिए दुनिया को एकजुट होना होगा।' उन्होंने कहा कि पाकिस्तान पिछले 40 वर्षों से भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों में संलग्न है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में भेजे गए प्रतिनिधिमंडल के बारे में कहा कि 'हम दुनिया को यह बताना चाहते हैं कि हम आतंकवाद से कैसे निपट रहे हैं।'
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