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भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते की संभावनाएं: क्या मिलेंगे नए अवसर?

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व्यापार सौदे की रूपरेखा


व्यापार सौदा: प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) के तहत, भारत अमेरिका से निर्यात नियंत्रण में छूट प्राप्त करने की कोशिश कर सकता है। इसके साथ ही, भारत अपने प्रमुख साझेदार देशों जैसे ऑस्ट्रेलिया, यूके और जापान के समान महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों तक पहुंच की मांग कर रहा है। सूत्रों के अनुसार, भारत दूरसंचार उपकरण, जैव प्रौद्योगिकी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), फार्मास्यूटिकल्स, क्वांटम कंप्यूटिंग और अर्धचालक जैसे क्षेत्रों में छूट की मांग कर सकता है। इसके अतिरिक्त, भारत अमेरिका से निर्यात प्रतिबंधों में कमी की भी अपील करेगा।


किस प्रकार की छूट की उम्मीद है?

भारत इस समझौते के तहत कपड़ा, रत्न, इलेक्ट्रिक वाहन, शराब, पेट्रोकेमिकल उत्पाद, डेयरी और सेब जैसे कृषि उत्पादों पर कर्तव्य में छूट की अपेक्षा कर रहा है। सूत्रों का कहना है कि भारत अमेरिका से अनुरोध कर सकता है कि वह ऑस्ट्रेलिया, यूके और जापान जैसे अन्य प्रमुख देशों के समान व्यवहार करे, खासकर दूरसंचार उपकरण, जैव प्रौद्योगिकी और एआई जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी पहुंच के लिए निर्यात प्रतिबंधों में ढील देकर। इन क्षेत्रों में उन्नत प्रौद्योगिकी की सरल पहुंच भारत की नवाचार क्षमताओं को बढ़ाने, तकनीकी ढांचे को मजबूत करने और आर्थिक विकास को गति देने में सहायक होगी।


‘औकस’ सुरक्षा समझौता

हालांकि, वाणिज्य मंत्रालय ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के अनुसार, अमेरिका ने ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और जापान जैसे करीबी देशों के साथ प्रौद्योगिकी साझेदारी को मजबूत करने के लिए निर्यात प्रतिबंधों में ढील दी है। ‘औकस’ सुरक्षा समझौते के तहत, अमेरिका ने ऑस्ट्रेलिया और यूके के साथ रक्षा और दोहरे उपयोग की प्रौद्योगिकी साझा करने के नियमों को सरल बनाया है, जिसके तहत इन देशों में लगभग 80 प्रतिशत व्यक्तिगत लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होगी।


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