इंटरनेट डेस्क। सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित माना जाता है और सबसे पवित्र भी। हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन यानी श्रावण मास में शिवलिंग की पूजा का बहुत अधिक महत्व है। सावन में शिवलिंग की पूजा करने से मनुष्य के सभी दुख-दर्द दूर होते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस महीने शिव जी जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं।
सावन में शिवलिंग पूजा की विधि
अब जानते हैं कि सावन में शिवलिंग की पूजा कैसे करनी चाहिए
स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें
सावन के महीने में सुबह जल्दी उठकर स्नान करें, स्नान के बाद साफ-सुथरे वस्त्र पहनें अगर आप सोमवार का व्रत रख रहे हैं तो व्रत का संकल्प भी लें,
शिवलिंग पर जल और दूध चढ़ाएं
सबसे पहले शिवलिंग पर गंगा जल चढ़ाएं, गंगा जल न हो तो साफ पानी भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके बाद दूध, शहद, दही, घी और शक्कर से शिवलिंग का अभिषेक करें।
बेलपत्र अर्पित करें
शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाना बहुत ही पुण्यकारी माना जाता है, ध्यान रखें कि बेलपत्र ताजे हों और उस पर चंद्र (त्रिपत्री) बना हो
धतूरा और भांग चढ़ाएं
शिवलिंग पर धतूरा, भांग और आक का फूल चढ़ाना भी शुभ माना जाता है, यह चीजें भगवान शिव को बहुत पसंद हैं
फूल और फल चढ़ाएं
शिवलिंग पर सफेद फूल, खासकर कनेर, चमेली या मदार के फूल चढ़ाएं, साथ ही फल भी अर्पित करें
दीपक और धूप जलाएं
शिवलिंग के सामने दीपक और धूप जलाएं
मंत्र जाप करें
शिव जी के मंत्र का जाप करें, सबसे सरल मंत्र है -
‘ॐ नमः शिवाय, इस मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें
आरती करें
पूजा के अंत में शिव जी की आरती करें और भोग लगाएं
व्रत का पालन करें
यदि आप व्रत रख रहे हैं तो पूरे दिन फलाहार करें और शिव जी का स्मरण करते रहे
pc-republicbharat.com
You may also like
पूर्णिया के टीकापटी एपीएचसी में पीड़ित कुत्तों के बीच इलाज को मजबूर
महेशपट्टी में एसएसबी की शिविर में 210 पशुओं का किया गया इलाज
साइकिल पर सवार नौजवानों ने दिया वोटर जागरूकता का संदेश, जदयू की पहल
बेसहारा बच्चों को आश्रय दिलाने का प्रयास करेगा डालसा : राजेश
भाजपा बंगाल को पश्चिम बांग्लादेश नहीं बनने देगी : शमिक भट्टाचार्य