इंटरनेट डेस्क। टोंक जिले के ताजपुर कस्बे में रविवार को हुई एक बड़ी घटना ने लोगों के होश उड़ा दिए थे। यहां रात में हुई हत्या का पुलिस ने तीन दिन के भीतर सनसनीखेज खुलासा किया है। खबरों की माने तो महिला विजयलक्ष्मी पत्नी कल्याण की हत्या किसी अजनबी ने नहीं, बल्कि उसकी ही मां विनोद कंवर ने की थी। पुलिस ने मंगलवार शाम को आरोपी मां विनोद कंवर और उसके रिश्तेदार पड़ोसी रामकेश उर्फ रामू कुमावत को गिरफ्तार कर लिया।
क्या हुआ था
पुलिस की जांच में पीड़िता की मां शक गया तो विनोद कंवर बार-बार बयान बदलती रही और पुलिस को प्रॉपर्टी विवाद की कहानी सुनाती रही। पोस्टमार्टम के दौरान भी वह गुमराह करने से नहीं चूक रही थी। आखिरकार जब पुलिस ने गहराई से जांच की और परिस्थितिजन्य साक्ष्य जुटाए, तो सारा सच खुलकर सामने आ गया। इस मामले में एएसपी राकेश राजोरा के अनुसार, शनिवार शाम विनोद कंवर अपनी बेटी विजयलक्ष्मी के साथ बीदौली से ताजपुर आई थी। घर की सफाई के बाद दोनों नवासे रामू कुमावत के घर रुके। रात करीब दस बजे विजयलक्ष्मी घर से बाहर निकली। विनोद कंवर और रामू ने उसे तलाशना शुरू किया और थोड़ी देर बाद दोनों ने विजयलक्ष्मी को पड़ोसी काडू कुमावत के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया।
गुस्से में हो गया खून
जानकारी के अनुसार गुस्से से तिलमिलाई विनोद कंवर ने उसी समय साथ लाई कुल्हाड़ी से अपनी बेटी पर जानलेवा वार कर दिए और उसके दोनों पैर काट डाले गए। शराब के नशे में डूबी विजयलक्ष्मी मौके पर गिर पड़ी और तड़पती रह गई। वहीं काडू कुमावत जान बचाकर वहाँ से भाग गया। बाद में विनोद और रामू ने घायल बेटी को पास के एक खाली घर में घसीटा और खून में लथपथ बेटी को वहीं छोड़कर लौट आए। अगले दो दिनों तक पुलिस ने रामू और काडू दोनों से लगातार पूछताछ की। पहले तो दोनों ने टालमटोल की, लेकिन जैसे-जैसे सबूतों का दायरा बढ़ता गया, आखिरकार विनोद कंवर ने जुर्म कबूल कर लिया।
pc- jansatta
You may also like
बिहार चुनाव: कांग्रेस ने जारी की 48 उम्मीदवारों की पहली सूची, प्रदेशाध्यक्ष राजेश राम और शकील अहमद खान प्रमुख नाम
राघोपुर: 'चाहे गंगाजी में डूब जाएंगे, लेकिन वोट तो ...' लालू परिवार के गढ़ में क्या लग पाएगी सेंध
रूस ने Su-57 फाइटर पर दिया बड़ा ऑफर, पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ जेट को भारत में बनाने को तैयार, AMCA प्रोग्राम का समर्थन
गेविन लार्सन दोबारा बने न्यूजीलैंड के चयन प्रबंधक
क्या है दरबार मूव परंपरा? जिसे जम्मू कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला ने फिर किया बहाल