इंटरनेट डेस्क। हरियाणा की सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर ज्योति मल्होत्रा की पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तारी के बाद से शुरुआती खुलासे सामने आए हैं। इनमें पुलिस द्वारा यह पाया जाना भी शामिल है कि वह एक पाकिस्तानी संपत्ति लेने की तैयारी में थी। यूट्यूब चैनल ट्रैवल विद जेओ चलाने वाली ज्योति मल्होत्रा कई बार पाकिस्तान जा चुकी हैं और वहां से वीडियो अपलोड कर चुकी हैं। पुलिस के अनुसार, उन्हें मुख्य रूप से कथात्मक युद्ध के लिए दीर्घकालिक संपत्ति के रूप में विकसित किया जा रहा था।
पाकिस्तानी उच्चायोग में कई पार्टियों में भी आमंत्रित
ज्योति मल्होत्रा को दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग में होने वाली पार्टियों में भी आमंत्रित किया गया था, जिसके वीडियो उनके यूट्यूब चैनल पर भी उपलब्ध हैं। पुलिस का कहना है कि वह पाकिस्तानी सूचना नेटवर्क के अंदर थी। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि उसे पड़ोसी देश के लिए जासूसी करने के लिए कैसे लुभाया गया?
निष्कासित पाकिस्तानी राजनयिक की भूमिकापाकिस्तानी उच्चायोग में ज्योति मल्होत्रा के वीडियो में एक नाम सबसे अलग है: दानिश। हिसार के एसपी शशांक कुमार सावन के अनुसार, वह कथित तौर पर 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिनों तक चले संघर्ष के दौरान नई दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग में तैनात एक पाकिस्तानी अधिकारी के संपर्क में थी, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे। यह वही अधिकारी है जिसे भारत ने अवांछित घोषित कर दिया है और निष्कासित कर दिया है। नाम है, एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश।
दानिश ने पहली मुलाकात में ही कर ली थी दोस्तीज्योति मल्होत्रा के पाकिस्तान के लिए 2023 के वीज़ा आवेदन ने कथित तौर पर उन्हें दानिश के संपर्क में लाया, जो अवांछित घोषित किए जाने से पहले उच्चायोग में एक प्रमुख व्यक्ति थे। उसने पुलिस को बताया है कि दानिश ने उनसे पहली मुलाकात में ही दोस्ती कर ली थी और वे फोन पर बात करने लगे थे। सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन में 16 मई को दर्ज की गई एफआईआर के अनुसार, दानिश के सहयोगी अली अहवान ने लगभग दो साल पहले पाकिस्तान में उनके रहने की व्यवस्था की थी।
PC : aajtak
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