भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच अब इसकी प्रतिध्वनि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी दिखाई देने लगी है। हाल ही में तुर्किये (पूर्व में तुर्की) द्वारा पाकिस्तान के समर्थन में दिए गए बयानों के बाद राजस्थान में इसका विरोध शुरू हो गया है। खासतौर पर उदयपुर के मार्बल व्यापारियों ने साफ कर दिया है कि वे अब तुर्किये से मार्बल आयात नहीं करेंगे।
उदयपुर के मार्बल व्यापारियों ने जताई नाराजगीमार्बल उद्योग के लिए विश्व प्रसिद्ध उदयपुर में व्यापारियों ने बुधवार को बैठक कर यह निर्णय लिया कि अब वे तुर्किये से कोई भी मार्बल या संबंधित उत्पाद नहीं खरीदेंगे। व्यापारियों का कहना है कि तुर्किये द्वारा पाकिस्तान का समर्थन करना न केवल भारत की संप्रभुता के खिलाफ है, बल्कि यह भारतीय सेना और शहीदों के अपमान के बराबर है।
उदयपुर मार्बल एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा, “हम देशहित से बढ़कर कोई व्यापारिक लाभ नहीं देखते। यदि कोई देश भारत विरोधी ताकतों का समर्थन करता है, तो हम उसका आर्थिक बहिष्कार करेंगे। यह हमारा नैतिक कर्तव्य है।” इस फैसले के बाद उम्मीद की जा रही है कि राजस्थान के अन्य जिलों में भी मार्बल व्यापारियों और आयातकों की ओर से इसी तरह की प्रतिक्रियाएं देखने को मिल सकती हैं।
तीन जिलों में बम की धमकी से फैली दहशतइधर, एक और बड़ी खबर के अनुसार राजस्थान के बारां, अलवर और प्रतापगढ़ जिलों के कलेक्ट्रेट कार्यालयों को बम से उड़ाने की धमकी दी गई है। यह धमकी बुधवार को ईमेल और अज्ञात पत्रों के माध्यम से दी गई, जिसके बाद प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, तीनों जिलों में बम स्क्वॉड और पुलिस टीमों को तैनात कर सघन तलाशी अभियान चलाया गया। हालांकि अब तक किसी विस्फोटक सामग्री की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन एहतियात के तौर पर कलेक्ट्रेट परिसरों में आमजन की आवाजाही सीमित कर दी गई है।
अलवर के जिलाधिकारी ने बताया कि धमकी की गंभीरता को देखते हुए सभी सुरक्षा उपाय अपनाए गए हैं और मामले की साइबर सेल और एटीएस द्वारा गहन जांच की जा रही है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएंराज्य में तुर्किये के विरोध और बम धमकी की घटनाओं को लेकर राजनीतिक हलकों में भी हलचल है। एक ओर जहां व्यापारिक समुदाय द्वारा तुर्किये के बहिष्कार को देशभक्ति का प्रतीक बताया जा रहा है, वहीं बम की धमकी को लेकर विपक्ष ने सरकार से सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ करने की मांग की है।
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