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थार डेजर्ट की गोद में छुपे हैं भारत के सबसे अनोखे पर्यटन स्थल, वायरल डॉक्यूमेंट्री में देखते ही बना लेंगे यहां घूमने का प्लान

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राजस्थान का थार डेजर्ट यानी 'मरुस्थल का सम्राट', अपनी सुनहरी रेत, सांस्कृतिक धरोहर और ऐतिहासिक स्थलों के कारण विश्व भर के पर्यटकों को आकर्षित करता है। थार ना सिर्फ भारत का सबसे बड़ा मरुस्थल है, बल्कि यह अपने आप में एक जीवंत सांस्कृतिक विरासत भी है, जो लोक संगीत, ऊंट सफारी, किले, मंदिरों और परंपराओं से जुड़ा हुआ है।यदि आप सोचते हैं कि रेगिस्तान केवल रेत और तपती धूप तक सीमित है, तो थार आपकी सोच को बदल देगा। यह इलाका रोमांच, रोमांस, इतिहास और प्राकृतिक सुंदरता से भरा पड़ा है।आइए जानते हैं थार डेजर्ट के प्रमुख पर्यटन स्थलों के बारे में, जो हर घुमक्कड़ की सूची में शामिल होने चाहिए।


1. जैसलमेर – रेत में बसा स्वर्ण नगरी
थार रेगिस्तान के बीचों-बीच स्थित जैसलमेर को 'गोल्डन सिटी' के नाम से जाना जाता है। यहां का जैसलमेर किला, जिसे सोनार किला भी कहा जाता है, पीले बलुआ पत्थर से बना हुआ है और यह UNESCO की विश्व धरोहर सूची में शामिल है।

यहां के प्रमुख आकर्षण:
सम सैंड ड्यून्स: ऊंट की सवारी करते हुए ढलते सूरज का दृश्य अविस्मरणीय होता है।
पटवों की हवेली, नाथमल की हवेली: शाही वास्तुकला की मिसाल।
गडीसर झील: शाम के समय नाव की सैर और सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ।

2. बीकानेर – ऊंटों का शहर
थार के उत्तर-पश्चिमी छोर पर स्थित बीकानेर ऊंटों की नस्ल, भुजिया और जूनागढ़ किले के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ का ऊंट अनुसंधान केंद्र दुनिया में अनोखा है, जहाँ पर्यटक ऊंटनी का दूध भी चख सकते हैं।

यहां के प्रमुख आकर्षण:
जूनागढ़ किला
ऊंट फेस्टिवल (जनवरी): ऊंट दौड़, नृत्य और शृंगार प्रतियोगिताएँ।
करणी माता मंदिर (चूहों वाला मंदिर): आस्था और आश्चर्य का अद्भुत संगम।

3. जोधपुर – नीली नगरी
थार के किनारे बसी जोधपुर को 'ब्लू सिटी' कहा जाता है क्योंकि यहाँ के पुराने घर नीले रंग से रंगे होते हैं। यह ऐतिहासिक, भव्य और सांस्कृतिक अनुभव का केंद्र है।

यहां के प्रमुख आकर्षण:
मेहरानगढ़ किला: 400 फीट ऊंची चट्टान पर स्थित यह किला राजपूत शौर्य की मिसाल है।
उमैद भवन पैलेस: अब एक होटल, संग्रहालय और शाही निवास।
मंडोर गार्डन और क्लॉक टावर मार्केट।

4. खिचन – प्रवासी पक्षियों का गाँव
जोधपुर से लगभग 150 किमी दूर स्थित खिचन गाँव हर साल हजारों की संख्या में साइबेरियन क्रेन जैसे प्रवासी पक्षियों की मेज़बानी करता है। यह स्थल पक्षीप्रेमियों और प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग है।

5. तानोट माता मंदिर – आस्था और देशभक्ति का संगम
भारत-पाकिस्तान सीमा के पास स्थित यह मंदिर 1971 की जंग के समय चर्चा में आया जब पाकिस्तानी गोले मंदिर में गिरने के बावजूद फटे नहीं। इसे बीएसएफ द्वारा संरक्षित किया गया है और यहां आकर एक विशेष ऊर्जा का अनुभव होता है।

6. लोद्रवा – प्राचीन जैन नगरी
जैसलमेर से कुछ दूर लोद्रवा कभी एक समृद्ध जैन व्यापारिक नगर हुआ करता था। यहां के जैन मंदिर अपनी सुंदर स्थापत्य कला के लिए प्रसिद्ध हैं और सैलानियों के लिए यह शांति और आध्यात्म का केन्द्र बन गया है।

7. संपूर्ण रेगिस्तानी जीवन का अनुभव – डेजर्ट कैंपिंग
थार में डेजर्ट कैंपिंग एक अलग ही रोमांचक अनुभव देता है। पर्यटक पारंपरिक राजस्थानी भोजन, लोक संगीत और नृत्य का आनंद लेते हुए रेत पर तंबू में रात बिता सकते हैं।

8. कैलातो की हवेलियाँ और गाँव पर्यटन
थार क्षेत्र के गाँव जैसे खाबा, ओसियाँ, रामदेवरा न केवल ऐतिहासिक हैं बल्कि वहां की जीवनशैली, मिट्टी के घर और लोक परंपराएँ आज भी जीवित हैं। ऐसे गाँवों में होमस्टे और लोक व्यंजनों का अनुभव अनमोल होता है।

थार: केवल रेगिस्तान नहीं, एक जीवंत संस्कृति
थार डेजर्ट केवल एक प्राकृतिक संरचना नहीं है, बल्कि यह राजस्थान की आत्मा है। यहां की हर रेत की कण में इतिहास बसा है, हर हवा के झोंके में संगीत है और हर सूर्यास्त में सौंदर्य।इस क्षेत्र ने कठिन जलवायु में भी अपनी संस्कृति, परंपराओं और सौंदर्य को जिंदा रखा है। आज थार ना केवल भारतीय बल्कि विदेशी पर्यटकों के लिए भी एक लोकप्रिय गंतव्य बन चुका है।

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