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मेहंदीपुर बालाजी ही नहीं राजस्थान के इस मन्दिर के नाम से भी कांपते है भूत-प्रेत, वीडियो में जानिए इसका डरावना रहस्य

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राजस्थान में कई ऐसे धार्मिक स्थल हैं, जो अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्ता के लिए प्रसिद्ध हैं। इनमें से कुछ स्थानों का नाम भूतिया घटनाओं और रहस्यमय गतिविधियों के कारण भी लिया जाता है। मेहंदीपुर बालाजी मंदिर का नाम इस सूची में प्रमुख रूप से शामिल है, जहां का माहौल सिर्फ धार्मिक ही नहीं, बल्कि रहस्यमय और डरावना भी माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि राजस्थान का एक और मंदिर है, जिसका नाम सुनते ही भूत-प्रेत भी कांपने लगते हैं? यह है मोती डूंगरी मंदिर, जिसे भूत-प्रेतों के लिए एक डरावना स्थल माना जाता है।मोती डूंगरी मंदिर, जयपुर शहर के करीब स्थित एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जिसे भगवान गणेश को समर्पित किया गया है। यह मंदिर अपनी वास्तुकला, सुंदरता और धार्मिक महत्त्व के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन इसके बारे में एक और दिलचस्प और डरावनी बात है—यह स्थल भूत-प्रेतों के प्रभाव से जुड़ा हुआ है। मोती डूंगरी का नाम इन डरावनी घटनाओं और अनहोनी घटनाओं के कारण और भी चर्चित हुआ है।


मोती डूंगरी मंदिर का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्त्व

मोती डूंगरी मंदिर जयपुर शहर के दिल में स्थित है, और यह भगवान गणेश का एक प्रमुख मंदिर है। इस मंदिर को ब्रिटिशकाल में स्थापित किया गया था और यह रॉयल परिवार के संरक्षण में बना था। मंदिर की संरचना राजस्थानी शैली में बहुत ही भव्य और आकर्षक है, जिसमें हरियाली से घिरी हुई विशाल इमारत और मंदिर के आसपास का वातावरण भक्तों को आंतरिक शांति और आनंद प्रदान करता है। यहाँ पर हर साल गणेश चतुर्थी के अवसर पर विशाल मेला लगता है, जिसमें लाखों लोग आते हैं और भगवान गणेश की पूजा करते हैं।हालांकि, मंदिर का धार्मिक महत्व अद्वितीय है, लेकिन इसके साथ जुड़ी कई अजीब और डरावनी घटनाएँ हैं, जो इसे एक रहस्यमय स्थल बना देती हैं। यह घटनाएँ सिर्फ स्थानीय लोगों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यहाँ आने वाले पर्यटकों ने भी कई बार इस स्थान की अजीब शक्तियों का सामना किया है।

मोती डूंगरी मंदिर और भूत-प्रेतों से जुड़ी घटनाएँ
यह माना जाता है कि मोती डूंगरी मंदिर के आसपास और इसके भीतर कई भूत-प्रेतों का वास है। कुछ लोग मानते हैं कि इस मंदिर का स्थान पहले किसी अन्य धार्मिक स्थल या किलें का हिस्सा हुआ करता था, और वह किला युद्ध के दौरान शापित हो गया था। ऐसा कहा जाता है कि उस किले में सैकड़ों सैनिक मारे गए थे और उनकी आत्माएँ आज भी यहाँ विचरण करती हैं। इन भूतिया आत्माओं का प्रभाव आज भी मंदिर के आस-पास देखा जा सकता है।कुछ श्रद्धालु और पर्यटक यह दावा करते हैं कि जब वे मंदिर में पूजा करने या दर्शन करने जाते हैं, तो उन्हें अचानक ठंडी हवा, अव्याख्येय आवाजें या असामान्य रूप से अस्थिर महसूस होती है। कई बार लोग मंदिर में पूजा करते वक्त यह महसूस करते हैं कि जैसे कोई उन्हें छू रहा हो, लेकिन जब वे मुड़कर देखते हैं तो कोई दिखाई नहीं देता।

एक और प्रसिद्ध घटना के बारे में यह बताया जाता है कि एक भक्त ने मंदिर में प्रवेश किया और उसके बाद उसने दावा किया कि उसने एक आत्मा को देखा, जो धीरे-धीरे उसके पास आ रही थी। उस आत्मा का चेहरा बहुत डरावना और विकृत था। भक्त के मुताबिक, वह आत्मा किसी प्रकार से उसे परेशान कर रही थी, लेकिन जैसे ही उसने भगवान गणेश की पूजा शुरू की, वह आत्मा गायब हो गई।

मोती डूंगरी मंदिर और स्थानीय विश्वास
स्थानीय लोग मानते हैं कि मोती डूंगरी मंदिर का स्थान एक पवित्र स्थान है, और यहाँ पर जो आत्माएँ हैं, वे किसी पुराने युद्ध या अन्य अप्रिय घटनाओं का हिस्सा हैं। कुछ लोग यह भी कहते हैं कि भगवान गणेश के प्रति भक्ति और विश्वास रखने से ही इन भूत-प्रेतों से छुटकारा पाया जा सकता है। इसलिए, इस मंदिर में आने वाले श्रद्धालु विशेष रूप से मंत्रों और पूजा विधियों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, ताकि वे इन अजीब घटनाओं से सुरक्षित रह सकें।

स्थानीय मंदिर प्रबंधन और अधिकारियों के मुताबिक, इन भूतिया घटनाओं को धार्मिक दृष्टिकोण से देखा जाता है और वे इसे एक विश्वास या मानसिक स्थिति मानते हैं, जो अधिकतर तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के मन में होता है। हालांकि, वे भी इस बात से इनकार नहीं करते कि कभी-कभी कुछ असामान्य घटनाएँ घटित होती हैं, लेकिन वे इसे पूजा और भक्ति की शक्ति से जुड़ा हुआ मानते हैं।

क्या मोती डूंगरी मंदिर शापित है?
कई लोग यह मानते हैं कि मोती डूंगरी मंदिर का स्थान शापित है। इसका मुख्य कारण यहाँ घटित होने वाली अजीब घटनाओं और डरावनी गतिविधियों को माना जाता है। भूत-प्रेतों से जुड़ी कहानियाँ इतनी प्रचलित हो गई हैं कि यह मान्यता बन गई है कि जो लोग इस मंदिर में बिना आस्था और विश्वास के आते हैं, उन्हें इन घटनाओं का सामना करना पड़ता है। जबकि मंदिर का प्रशासन और स्थानीय लोग इसे एक प्रकार की अफवाह मानते हैं, लेकिन श्रद्धालुओं की मान्यताएँ और अनुभव इसे एक रहस्यमय स्थल के रूप में परिभाषित करते हैं।

निष्कर्ष
मोती डूंगरी मंदिर अपनी धार्मिक महत्ता और सुंदरता के कारण प्रसिद्ध है, लेकिन इसके साथ जुड़ी भूत-प्रेतों की कथाएँ और अजीब घटनाएँ इसे एक रहस्यमय स्थल बना देती हैं। इस मंदिर में श्रद्धालु भगवान गणेश की पूजा करते हैं, और वहीं दूसरी ओर, कुछ लोग यहाँ की अजीब घटनाओं से घबराते हैं। फिर भी, इस स्थान का धार्मिक महत्व और आस्था का प्रभाव इस स्थान को एक अनूठा आकर्षण बनाता है। चाहे भूत-प्रेतों से जुड़ी घटनाएँ सच हों या नहीं, मोती डूंगरी मंदिर आज भी लोगों के दिलों में एक डर और आस्था का मिश्रण बना हुआ है।

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