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कांग्रेस नेता सतेज पाटिल का छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशजों पर अपमानजनक बयान, महाराष्ट्र में भारी आलोचना

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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024: महाराष्ट्र की राजनीति में एक नई हलचल मचाते हुए कांग्रेस नेता सतेज पाटिल ने छत्रपति शिवाजी महाराज की वंशज स्नेहा मधुरिमा राजे छत्रपति पर एक विवादास्पद बयान देकर नया विवाद खड़ा कर दिया है. यह बयान ऐसे समय में आया है जब महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज हैं और राज्य में शिवाजी महाराज के प्रति अपार सम्मान का माहौल है. पाटिल के इस बयान के बाद उनके खिलाफ भारी आक्रोश और आलोचना का सैलाब उमड़ पड़ा है, जिसमें पूरे महाराष्ट्र में कांग्रेस की तीखी आलोचना हो रही है.

छत्रपति परिवार का अपमान और महाराष्ट्र की जनता का आक्रोश

स्नेहा मधुरिमा राजे छत्रपति, जो शिवाजी महाराज के वंशज हैं, ने आगामी विधानसभा चुनाव से हटने का निर्णय लिया था. लेकिन, कांग्रेस विधायक सतेज पाटिल ने उनके इस निर्णय पर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए न केवल राजनीतिक माहौल को गरमा दिया, बल्कि महाराष्ट्र के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को भी चोट पहुँचाई है.

छत्रपति शिवाजी महाराज का परिवार महाराष्ट्र में एक पूजनीय स्थान रखता है. महाराष्ट्र की जनता इस परिवार को अपने गौरव और सांस्कृतिक मूल्यों का प्रतीक मानती है. शिवाजी महाराज के नाम पर बनी ये विरासत, हिंदू स्वराज्य की स्थापना का प्रतीक है और महाराष्ट्र के हर कोने में सम्मानित है.

छत्रपति वंशजों के प्रति अपमान का बढ़ता चलन?

पाटिल का यह बयान कोई पहली घटना नहीं है. इससे पहले भी विपक्षी नेता, खासकर महाविकास अघाड़ी गठबंधन से जुड़े शरद पवार, उद्धव ठाकरे और संजय राउत जैसे बड़े नेता, छत्रपति वंश के प्रति अनादर का प्रदर्शन कर चुके हैं. आलोचकों का मानना है कि छत्रपति परिवार के प्रति अपमानजनक टिप्पणियों की एक लंबी कड़ी बन चुकी है, जिसने महाराष्ट्र में राजनीति को एक असंवेदनशील मोड़ पर ला खड़ा किया है.

महाराष्ट्र के दिल में बसा छत्रपति परिवार का सम्मान

महाराष्ट्र में शिवाजी महाराज का परिवार न केवल सम्मान का प्रतीक है बल्कि राज्य की सांस्कृतिक आत्मा में गहराई से बसा हुआ है. सतारा में सांसद उदयन महाराज और कोल्हापुर में सांसद शाहू महाराज वर्तमान में इस सम्मानित वंश का प्रतिनिधित्व करते हैं. इस परिवार के प्रति महाराष्ट्र की जनता में गहरी श्रद्धा है और कोई भी इस परिवार के प्रति अपमान को बर्दाश्त करने के लिए तैयार नहीं है.

पाटिल की आलोचना और माफी की मांग

सतेज पाटिल की इस विवादास्पद टिप्पणी के बाद पूरे महाराष्ट्र में जनआक्रोश फैल गया है. कई नेताओं और संगठनों ने पाटिल से बिना शर्त माफी की मांग की है और कहा है कि इस तरह की टिप्पणियाँ न केवल अस्वीकार्य हैं, बल्कि महाराष्ट्र के गौरव को ठेस पहुँचाने वाली हैं. कांग्रेस और महाविकास अघाड़ी के नेताओं को इस मामले में गंभीरता से जवाब देना होगा, क्योंकि यह घटना छत्रपति परिवार के प्रति अपमान और असंवेदनशीलता का प्रतीक बन गई है.

राजनीतिक तनाव के बीच छत्रपति का सम्मान

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के इस महत्वपूर्ण समय पर, स्नेहा मधुरिमा राजे छत्रपति पर की गई टिप्पणी ने राज्य की राजनीतिक सरगर्मियों को और बढ़ा दिया है. इस घटनाक्रम ने महाराष्ट्र की राजनीति में छत्रपति परिवार के प्रति सम्मान और गौरव की भावना को एक बार फिर से जिंदा कर दिया है. जनता अब यह जानना चाहती है कि क्या कांग्रेस और इसके नेता छत्रपति के इस अपमान का जवाब देंगे और क्या पाटिल अपने इस बयान पर माफी मांगेंगे.

महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी महाराज का सम्मान और उनकी विरासत का सम्मान सर्वोपरि है. ऐसे में जनता और राजनीतिक जानकारों की नजरें अब इस बात पर टिकी हैं कि कांग्रेस अपने नेता के इस बयान पर क्या कदम उठाएगी.

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