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पश्चिम बंगाल में सार्वजनिक परिवहन को आधुनिक बनाने की तैयारी, निजी बस मालिकों से बातचीत करेंगे परिवहन मंत्री

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कोलकाता, 25 जून (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल सरकार राज्य के परिवहन व्यवस्था को आधुनिक और यात्रियों के अनुकूल बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल करने जा रही है। इस क्रम में राज्य के परिवहन मंत्री स्नेहाशिष चक्रवर्ती जुलाई के पहले सप्ताह में निजी बस मालिकों के संगठनों के साथ बैठक करेंगे।

सरकार की इस योजना में यात्री साथी ऐप को पूरे परिवहन क्षेत्र में लागू करने की योजना है, जिससे यात्रियों को बसों के आगमन की रियल टाइम की जानकारी मिल सकेगी। मंत्री ने बताया कि व्हेयर इज़ माय बस फीचर को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में पहले ही कुछ सरकारी बसों पर लागू किया गया है। इस साल के अंत तक सभी सरकारी बसों को इस ऐप के तहत लाया जाएगा।

हालांकि, निजी बसों में इसे लागू करने को लेकर कुछ आर्थिक चुनौतियां सामने आ रही हैं। चक्रवर्ती ने कहा है कि निजी बस ऑपरेटरों को ड्राइवरों के लिए स्मार्टफोन खरीदने की लागत की चिंता है। एक मोबाइल की कीमत आठ हजार से कम नहीं आती, जबकि बसों की कमाई सीमित होती है। हमें न केवल बस मालिक संगठनों से बल्कि बस कर्मचारियों की यूनियनों से भी बात करनी होगी।

सरकार की योजना है कि शहर और उसके आसपास के सभी बस स्टॉप्स पर डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड लगाए जाएं, जिससे यात्रियों को सही जानकारी मिले और इंतजार का समय कम हो। मंत्री ने यह भी बताया कि राज्य सरकार ड्राइवर केबिन में ब्लाइंड स्पॉट को कवर करने वाले मिरर लगाने पर भी ज़ोर दे रही है, ताकि सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सके।

राज्य परिवहन विभाग के एक अधिकारी के अनुसार, ऐप को फिलहाल दक्षिण कोलकाता, एयरपोर्ट, सॉल्टलेक और न्यू टाउन के कुछ सरकारी बसों पर पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लागू किया गया है।

वहीं, पश्चिम बंगाल प्राइवेट बस एंड मिनीबस ओनर्स एसोसिएशन के प्रवक्ता प्रदीप नारायण बोस ने बताया कि राज्य सरकार 25 जुलाई तक कुछ निजी बसों में यात्री साथी ऐप लागू करने का दबाव बना रही है। संगठन ने इसके बदले कुछ मांगें रखी हैं जैसे पहली स्टेज के लिए दस रुपए का न्यूनतम किराया तय करना होगा राज्य और निजी बसों के लिए एक समान परमिट सिस्टम लागू करना होगा ।

बोस ने चेतावनी दी है कि अगर राज्य सरकार उनकी चिंताओं को दरकिनार करते हुए ज़बरदस्ती ऐप लागू करने पर अड़ी रही, तो कई निजी बसें और मिनी बसें आर्थिक रूप से घाटे के चलते परिचालन बंद कर सकती हैं ।

(Udaipur Kiran) / अनिता राय

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