जयपुर, 19 अगस्त (Udaipur Kiran) । जोबनेर स्थित श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय ने जल संरक्षण के क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित किया है। विश्वविद्यालय की अलग-अलग इकाईयों में 36 पौंड बनाए गए जिनमें 130 करोड़ लीटर पानी का स्टोरेज किया जा सकता है।
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. बलराज सिंह ने बताया कि यह विश्वविद्यालय कभी पानी की कमी से जूझता था, लेकिन अब यह अनुसंधान, शिक्षा एवं कृषि उत्पादन के लिए स्थायी जल उपलब्धता वाला संस्थान बन चुका है। यह प्रयास किसानों और शैक्षणिक संस्थानों के लिए प्रेरणादायी मॉडल सिद्ध हो रहा है। इन फार्म पौंड को देखने के लिए अलग-अलग विश्वविद्यालयों व अन्य जगहों से वैज्ञानिक आ रहे है। हाल ही में नई दिल्ली से आए वैज्ञानिक डॉ. बी. एस. तोमर, डॉ. साई दास एवं डॉ. एस. एस. डे ने नए एवं पुराने पोंडों का निरीक्षण कर उनकी तारीफ की। कुलपति ने बताया कि वर्तमान में विश्वविद्यालय के पास 36 फार्म पोंड हैं, जिनमें से 15 पोंड केवल पिछले ढाई वर्षों में बनाए गए हैं। इस प्रयास से विश्वविद्यालय को जल संकट से राहत मिली और बीज उत्पादन में नई ऊर्जा प्राप्त हुई। पड़ासोली फार्म पर बनाए पांच नए वर्षा जल पोंड राजस्थान कृषि अनुसंधान संस्थान, दुर्गापुरा के अंतर्गत पड़ासोली फार्म पर हाल ही में पांच नए वॉटरशेड आधारित वर्षा जल संरक्षण पोंड निर्मित किए गए हैं। इनमें से पहला पोंड लगभग 3 हेक्टेयर क्षेत्रफल का है, जबकि शेष चार पोंड लगभग 2-2 हेक्टेयर क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर बनाए गए हैं। पहले पड़ासोली फाॅर्म में पानी की कमी के कारण रबी सीजन में बीज उत्पादन संभव नहीं था, वहीं अब फाॅर्म पोंड की उपलब्धता से 1000 क्विंटल से अधिक बीज उत्पादन में सफल रहा है।
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(Udaipur Kiran) / राजेश
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