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आपदा से लड़ने के लिए हमें हमेशा तैयार रहना होगा, आपदा मित्र तत्पर रहें

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-24 घंटे के भीतर पीड़ितों को मदद देने पर जोर, दैवीय आपदा प्रबन्धन जॉच समिति की बैठक

वाराणसी, 04 मई . उत्तर प्रदेश विधान परिषद की दैवीय आपदा प्रबंधन जांच समिति की समीक्षा बैठक रविवार को सर्किट हाउस सभागार में संपन्न हुई. बैठक की अध्यक्षता समिति के सभापति अवनीश कुमार सिंह ने की. बैठक में आपदा के दौरान राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा करते हुए आवश्यक सुधारों और तैयारियों को प्राथमिकता दी गई. अवनीश कुमार सिंह ने कहा कि “हमारा पहला प्रयास यह होना चाहिए कि आपदा की स्थिति में कम से कम जनहानि हो. इसके लिए पूर्व तैयारियों और जन-जागरूकता को प्राथमिकता दी जानी चाहिए.” उन्होंने सभी विभागों से मानसून पूर्व कार्यशालाओं के आयोजन और जागरूकता पुस्तिकाओं के वितरण पर जोर दिया.

समिति के अन्य सदस्यों, अंगद कुमार सिंह, पद्म सेन चौधरी, और अरुण पाठक ने आपदा पीड़ितों को 24 घंटे के भीतर सहायता पहुँचाने की आवश्यकता पर बल दिया. बैठक में एनडीआरएफ कर्मियों, राहत मित्रों, पार्षदों और ग्राम प्रधानों के साथ एक कार्यशाला का आयोजन भी किया गया, जिसमें आपदा प्रबंधन से संबंधित प्रशिक्षण दिया गया.

इसमें जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने वज्रपात से बचाव के उपाय साझा करते हुए बताया कि खेतों में दुर्घटना की संभावना अधिक होती है. उन्होंने सलाह दिया कि वज्रपात के समय पेड़ के नीचे शरण न लें.मोबाइल फोन का उपयोग बंद करें. बिजली के खंभों से दूर रहें.

खुले मैदान में न बैठें और जमीन पर न लेटें. कार के अंदर रहें तो खिड़कियां बंद रखें और धातु को न छुएं. घरों में बिजली उपकरणों से दूरी बनाकर दरवाजे-खिड़कियां बंद रखें. उन्होंने यह भी बताया कि जल जीवन मिशन के तहत पानी की टंकियों और पंचायत भवनों पर इलेक्ट्रिक अरेस्टर लगाए जा रहे हैं. एडीएम एफआर वंदिता श्रीवास्तव ने राजस्व विभाग द्वारा तैयार आपदा प्रबंधन चक्र की प्रस्तुति दी, जबकि मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी ने सर्पदंश से बचाव के उपाय बताए. एनडीआरएफ कमांडेंट ने राहत-बचाव कार्यों की प्रक्रिया साझा करते हुए ‘दामिनी’ और ‘सचेत’ मोबाइल ऐप के उपयोग पर प्रकाश डाला, जो 40 किलोमीटर के दायरे में संभावित आपदा की जानकारी देते हैं. टीम द्वारा CPR तकनीक का भी प्रदर्शन किया गया.

समिति ने अधिकारियों से तहसीलवार वज्रपात और डूबने की घटनाओं का विवरण, जलभराव, रैन बसेरों और शीत ऋतु में अलाव व्यवस्था की रिपोर्ट मांगी. साथ ही, वन विभाग से संरक्षित व रोपित पौधों की स्थिति की जानकारी ली गई.

बैठक में अपर पुलिस आयुक्त डॉ. एस. चिनप्पा, डीएफओ स्वाति सिंह, एडीएम प्रशासन विपिन कुमार, अपर नगर आयुक्त सविता यादव, और विकास प्राधिकरण के सचिव समेत कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.

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/ श्रीधर त्रिपाठी

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