उत्तर प्रदेश में हस्तकला-आधारित पर्यटन हासिल कर रहा नई ऊंचाई- जयवीर सिंह
लखनऊ, 09 अगस्त (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश में हस्तकला-आधारित पर्यटन नए आयाम हासिल कर रहा है। यहां आने वाले देश-विदेश के पर्यटक अब काशी, अयोध्या और प्रयागराज जैसे धार्मिक स्थलों के साथ-साथ हथकरघा उद्योगों वाले क्षेत्रों का भी दौरा कर रहे हैं। 2024-25 में मिर्जापुर, भदोही और वाराणसी में पर्यटकों की संख्या में तेजी से वृद्धी हुई है। वाराणसी में मार्च 2025 तक 11.47 लाख से अधिक पर्यटक आए।
भदोही में मार्च 2025 तक 08 लाख से अधिक पर्यटक आए, तो वहीं मिर्जापुर में मार्च 2025 तक 57 लाख से अधिक पर्यटक आए। ये पर्यटक वाराणसी, पानीपत, मिर्जापुर, आगरा और भदोही जैसे स्थानों का भी भ्रमण कर रहे हैं। इससे स्थानीय कारीगरों को सीधे लाभ हो रहा है और पर्यटन-आधारित अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिल रही है।
–पर्यटन विभाग की पहल से यूपी की अर्थव्यवस्था को मिली रफ्तार
प्रदेश में अब सिर्फ पर्यटक बड़े शहरों या आध्यात्मिक शहरों में ही नहीं बल्कि पर्यटन विभाग द्वारा दी जा रही विभिन्न सुविधाओं के माध्यम से ऐसे क्षेत्रों का भी भ्रमण कर रहे हैं जहां उन्हें कारीगरों को लाइव काम करते देखना, बारीक डिज़ाइन और परम्परागत बुनाई तकनीक को समझना एक अलग अनुभव देता है। इससे न केवल स्थानीय कारीगरों की आमदनी में वृद्धि हुई है, बल्कि होटल, ट्रांसपोर्ट, हैंडीक्राफ्ट बाज़ार और स्थानीय व्यंजन जैसे पर्यटन-संबंधी क्षेत्रों में भी रोज़गार और कारोबार के अवसर तेज़ी से बढ़े हैं। ऐसे में कालीन उद्योग का वार्षिक टर्नओवर लगभग 10,000 करोड़ रुपये हुआ है, जिसमें से 6,000 करोड़ रुपये का निर्यात अमेरिका, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, स्विट्ज़रलैंड, इटली, मलेशिया, कनाडा, यू.के., डेनमार्क, अर्जेंटीना, मेक्सिको, न्यूजीलैंड, टर्की और स्वीडन जैसे देशों में होता है।
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि, “उत्तर प्रदेश में हस्तकला-आधारित पर्यटन ने नई ऊंचाइयां छू रही हैं। मिर्जापुर, भदोही और वाराणसी जैसे क्षेत्रों में पर्यटकों की बढ़ती संख्या न केवल हमारी सांस्कृतिक विरासत को उजागर कर रही है, बल्कि स्थानीय कारीगरों और व्यवसायों के लिए भी नई उम्मीदें लेकर आई है। सरकार के पर्यटन विभाग द्वारा किए गए प्रयासों से इन क्षेत्रों में पर्यटन सुगम हुआ है, जिससे रोजगार और आर्थिक विकास को मजबूती मिली है।
प्रमुख सचिव, पर्यटन एवं संस्कृति, मुकेश कुमार मेश्राम ने बताया कि पर्यटन विभाग लगातार प्रदेश के हस्तकला-आधारित पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। हम पर्यटन स्थलों पर सुविधाओं का विस्तार कर रहे हैं, कारीगरों के काम को आम जनता तक पहुंचाने के लिए कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं और स्थानीय पर्यटन इन्फ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने में लगे हुए हैं। हमारा उद्देश्य है कि पर्यटक न केवल धार्मिक स्थलों का आनंद लें, बल्कि प्रदेश की सांस्कृतिक और कारीगरी विरासत का भी पूरा अनुभव कर सकें।
(Udaipur Kiran) / बृजनंदन
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