नई दिल्ली, 19 अप्रैल . कांग्रेस 25 अप्रैल से 30 मई के दौरान अलग-अलग चरणों में देश भर में रैलियां करेगी. इन रैलियाें का आयोजन 25 से 17 मई तक राज्य स्तर, विधानसभा स्तर और जिला स्तर पर किया जाएगा और आखिरी चरण में 20 से 30 मई के दौरान घर-घर सम्पर्क किया जाएगा. यह निर्णय शनिवार को यहां पार्टी मुख्यालय इंदिरा भवन में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में एआईसीसी महासचिवों, कांग्रेस प्रभारियों और विभिन्न आनुषंगिक संगठनों के अध्यक्षों की एक महत्वपूर्ण बैठक में किया गया.
कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने इन निर्णयों की पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि 09 अप्रैल को अहमदाबाद में आयोजित एआईसीसी अधिवेशन में पारित प्रस्तावों पर पार्टी आगे बढ़ेगी. अहमदाबाद सत्र में न्याय पत्र, सम्पर्क, समर्थन और संघर्ष प्रस्ताव अपनाया गया था. उसी क्रम में 15 और 16 को राहुल गांधी गुजरात गए और उन्होंने बेलगावी अधिवेशन में पारित प्रस्ताव संगठन सृजन अभियान की शुरुआत की. वहां 31 मई तक नए अध्यक्षों की नियुक्ति की जाएगी. गुजरात के बाद अन्य राज्यों में भी डीसीसी केंद्रित संगठन सृजन अभियान चलाया जाएगा.
जयराम रमेश ने बताया कि आज बैठक में तय किया गया कि देश भर में पार्टी 25 से 30 अप्रैल तक राज्य स्तर पर, 03 से 10 मई तक जिला स्तर पर, 11 से 17 मई तक विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र स्तर पर संविधान बचाओ रैलियां करेगी. 20 से 30 मई तक घर-घर संविधान बचाओ सम्पर्क किया जाएगा. इस तरह 25 अप्रैल से 30 मई तक अहमदाबाद अधिवेशन के सामाजिक और आर्थिक न्याय के प्रस्तावों को घर-घर तक पहुंचाएंगे.
उन्होंने कहा कि जिस तरह देश के संविधान पर आक्रमण हो रहा है, न्याय और कानून के बहाने कांग्रेस नेतृत्व के खिलाफ ईडी जैसी संस्था का दुरुपयोग किया जा रहा है, इस मुद्दे को लेकर 21 और 24 अप्रैल के दौरान विभिन्न राज्यों और जिलों में कांग्रेस प्रेस कान्फ्रेंस करेगी और सच्चाई से देशवासियों को रूबरू कराएगी. अहमदाबाद अधिवेशन में सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय हमारी प्रमुख मांगें रहीं. केंद्र सरकार से हमारी ये मांगें जातिगत जनगणना, 2006 में संविधान में शामिल अनुच्छेद 15 (5) में एससी, एसटी और ओबीसी को प्रदत्त निजी शैक्षणिक संस्थाओं में आरक्षण लागू करने और आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीलिंग सीमा को संविधान संशोधन के जरिये हटाने की हैं.
जयराम ने कहा कि इसके अलावा आर्थिक न्याय के प्रस्ताव में कांग्रेस ने केंद्र सरकार से मांग की कि किसानों को एमएसपी की लीगल गारंटी, स्वामीनाथन फार्मूला- जिसमें लागत पर 50 प्रतिशत बढ़ाकर उपज का मूल्य (एमएसपी) देने की बात कही थी, उसे लागू किया जाए. 2008 में यूपीए सरकार ने जैसे किसानों का ऋण माफ किया था, उसी तर्ज पर ऋण मुक्ति कार्यक्रम लाया जाए. एमएसएमई सेक्टर चीन से आयात के कारण बैठ गया है, उसे उबारा जाए.
एक सवाल के जवाब में जयराम रमेश ने कहा कि देश के आर्थिक और अन्य ज्वलंत मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए ईडी का राजनीतिक इस्तेमाल किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि नेशनल हेराल्ड मामले में किसी कानून का दुरुपयोग नहीं हुआ है. एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि संविधान ने सुप्रीम कोर्ट को अधिकार दिए हैं लेकिन केंद्र सरकार के मंत्री और भाजपा के नेता उसके कुछ निर्णयों को लेकर उसको निशाना बना रहे हैं, इसे उचित नहीं ठहराया जा सकता है.
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/ दधिबल यादव
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