—बड़ी गैबी आवास पर श्रद्धांजलि देने के लिए उमड़ी भीड़
वाराणसी, 03 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . Indian शास्त्रीय संगीत के पुरोधा, पद्मविभूषण पंडित छन्नूलाल मिश्र का पार्थिव शरीर गुरुवार देर शाम मोक्षनगरी काशी के मणिकर्णिका घाट पर पंचतत्व में विलीन हो गया. उनके पोते राहुल मिश्र ने उन्हें मुखाग्नि दी. अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ सम्पन्न हुआ. इस दौरान भारी संख्या में घाट पर मौजूद संगीत प्रेमियों, शिष्यों और विशिष्ट जनों ने उन्हें अंतिम विदाई दी.
गुरुवार तड़के करीब साढ़े चार बजे मीरजापुर स्थित अपनी बेटी प्रो. नम्रता मिश्र के आवास पर पंडित जी का निधन हुआ था, जहां वह पिछले तीन वर्षों से निवासरत थे. उनका पार्थिव शरीर दोपहर बाद वाराणसी स्थित बड़ी गैबी स्थित उनके आवास पर लाया गया, जहां उन्हें अंतिम दर्शन के लिए आमजन के साथ ही कई विशिष्ट जनों ने श्रद्धांजलि अर्पित की. श्रद्धांजलि देने वालों में वाराणसी के महापौर अशोक तिवारी, पूर्व मेयर रामगोपाल मोहले, शहर दक्षिणी विधायक डॉ. नीलकंठ तिवारी, पिंडरा विधायक अवधेश सिंह, भाजपा महानगर अध्यक्ष प्रदीप अग्रहरि, पूर्व एमएलसी बृजेश सिंह, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय, पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल सहित अन्य विशिष्ट जन रहे.
बनारस और किराना घरानों के संगम थे पं. मिश्र
आजमगढ़ में जन्मे पंडित छन्नूलाल मिश्र बनारस घराना और किराना घराना दोनों की गायकी के अद्वितीय प्रतिनिधि माने जाते थे. ठुमरी, दादरा, चैती, कजरी और भजन गायन में उनकी विशेष पहचान थी. उनकी विशिष्ट गायन शैली के लिए उन्हें वर्ष 2000 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, 2010 में पद्मभूषण और 2020 में पद्मविभूषण से अलंकृत किया गया.
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने वाराणसी संसदीय सीट से भाजपा प्रत्याशी नरेंद्र मोदी के प्रस्तावक के रूप में भूमिका निभाई थी.
उनके परिवार में पुत्र रामकुमार मिश्र (प्रख्यात तबला वादक) सहित तीन पुत्रियाँ हैं.
(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी
You may also like
Shocking: 15 साल की लड़की को नशीला पदार्थ खिलाकर 18 महीने तक बार बार रेप, फिल्म में काम दिलाने का लालच
भारत बनाम वेस्टइंडीज : फैंस को उम्मीद, मुकाबले के तीसरे ही दिन जीत दर्ज करेगी टीम इंडिया
Rajasthan: गृहमंत्री अमित शाह 13 अक्टूबर को आएंगे जयपुर, करेंगे इस खास काम की...
भूमध्यसागर से कॉकस तक... तुर्की के करीब भारतीय नौसेना बार बार भेज रही युद्धपोत, ये तीन देश कैसे कर रहे भारत की मदद?
Akshaya Navami 2025 : इस दिन बन रहा है खास योग, मां लक्ष्मी और विष्णु की पूजा से बरसेगा धन