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जवाहर कला केंद्र : दशहरा नाट्य उत्सव के अंतर्गत हुआ 'मानस रामलीला' का मंचन

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जयपुर, 1 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . ‘राम कथा नौका है भव की, भक्ति है पतवार सखे, सुमिर सुमिर के नाम प्रभु का, भव से उतरो पार सखे.’ श्रीराम नाम की महिमा का साक्षात उदाहरण बुधवार को जपयुर के जवाहर कला केन्द्र में देखने को मिला. इंद्रराज ने श्रीराम के आगमन से पूर्व बारिश की बूंदों से राह को पावन किया, मध्यवर्ती में श्रीराम के नारों के गूंजते ही आकाश से बादल छटे और मुक्ताकाशी मंच पर मर्यादा पुरुषोत्तम की जीवन गाथा साकार हुई. मौका रहा केन्द्र की ओर से दशहरा नाट्य उत्सव के अंतर्गत आयोजित मानस रामलीला के मंचन का.

वरिष्ठ रंगकर्मी और उपन्यासकार अयोध्या प्रसाद गौड़ द्वारा लिखित और अरु स्वाति व्यास (एनएसडी) द्वारा निर्देशित ‘मानस रामलीला’ में अभिनय, विजुअल व साउंड इफेक्ट्स और भव्य सेट का समागम देखने को मिला. ढाई घंटे की प्रस्तुति में श्रीराम के जन्म से लेकर राज्याभिषेक तक के प्रसंग साकार हुए, बुराई पर अच्छाई की विजय का सजीव रूप रामकथा की इस प्रस्तुति के अंतर्गत दिखाई दिया. गुरुवार शाम सात बजे प्रस्तुति का दोबारा मंचन होगा. प्रस्तुति में 5 से 7 गीत और लगभग 30 चौपाइयों को शामिल किया गया. प्रसिद्ध गायक पद्म सुरेश वाडकर और दिव्य कुमार की आवाज़ ने गीतों को विशेषता प्रदान की. वहीं वॉइस ओवर के जरिए इस रामलीला को और प्रभावशाली बनाया गया. निर्देशक अरु स्वाति व्यास ने मुंबई जाकर रामानंद सागर निर्देशित रामायण में राम का किरदार निभाने वाले अभिनेता अरुण गोविल से श्रीराम के संवाद रेकॉर्ड करवाए. इस पूरी प्रस्तुति में उपयोग हुई सभी प्रॉपर्टी जयपुर में तैयार की गई. उन्नत तकनीक और रचनात्मक प्रयोगों से सजी इस मानस रामलीला ने दर्शकों को न केवल रामकथा का दर्शन कराया, बल्कि कला और तकनीक के अद्भुत संगम का अनुभव भी दिया.

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(Udaipur Kiran)

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