शिमला, 13 नवंबर . राजधानी शिमला में यातायात जाम सिरदर्द बन गया है. सुबह और शाम जाम से स्कूली बच्चों और आम जनता को परेशानी झेलनी पड़ रही है. आरकेएमवी से भराड़ी सड़क पर वाहनों की बेतरतीब पार्किंग की वजह से लोगों को घंटों जाम से जूझना पड़ रहा हैं. यहां तक कि पैदल चलने वाले लोगों को भी पैदल चलना मुश्किल हो रहा है. बुधवार को भी यहां यातायात जाम का ऐसा ही आलम देखा गया.
स्थानीय व्यक्ति सुभाष ठाकुर ने बताया कि इस सड़क पर हर रोज लोग यहां सड़क पर गाड़ियां खड़ी कर देते हैं जिस वजह से जाम लग जाता हैं. स्कूल की बसें यहां से गुजरती है जो जाम में फंसी रहती हैं. स्कूल के बच्चे जाम की वजह से प्रताड़ित हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि वह स्वयं कई बार ट्रैफिक पुलिस को जाम के बारे में अवगत करवाते हैं उसके बाद जाम खुल पाता है. लेकिन दोबारा यही स्थिति देखने को मिल रही है.
वहीं भराड़ी स्थित एक निजी स्कूल के शिक्षक जय गौतम ने कहा कि जाम के कारण स्कूल के बच्चों को सबसे ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ती हैं. इस बारे में कई बार पुलिस प्रशासन को अवगत करवाया गया. शिकायत भी दी गई लेकिन कोई कार्यवाही नहीं होती हैं. यहां स्कूल में शोधी, टूटू और कई किलोमीटर दूर से बच्चे आते है जो शाम को सात बजे तक घर पहुंच पाते हैं जिससे बच्चे ओर अभिभावक दोनों परेशान हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि वैसे तो यह सड़क वन वे है लेकिन इसमें दोनों तरफ गाड़ियां पार्क की जाती है जिस वजह से जाम लगता हैं.
जाम में फंसे एचआरटीसी बस के ड्राइवर ने बताया कि इस सड़क पर हर रोज जाम लगता है. बस को यहां से निकालना मुश्किल हो जाता हैं. पुलिस को कई बार शिकायत दी गई है लेकिन जाम की समस्या का कोई हल नहीं निकल पाया हैं.
दरअसल ऑकलैंड से भराड़ी सड़क मार्ग पर भी यही स्थिति देखने को मिलती है हालांकि सड़क को चौड़ा कर दिया गया है लेकिन इस मार्ग पर भी सड़क के किनारे गाड़ियां पार्क की गई होती हैं जिससे ट्रैफिक जाम लगता हैं. उन्होंने कहा कि उनके अलावा अनेक लोगों ने भराड़ी के पास स्थायी रूप से यातायात व्यवस्था को बनाने की मांग कर चुके है, लेकिन अब तक इसका निराकरण नहीं हो पा रहा है.
गौरतलब है कि शिमला वासियों के लिए लंबे समय से सड़क जाम एक प्रमुख ज्वलंत समस्या बनी हुई है. आम से लेकर खास तक इससे परेशान रहते हैं. लचर यातायात व्यवस्था, सिकुड़ती सड़कें एवं वाहनों के बढ़ते बोझ के आगे यहां ट्रैफिक व्यवस्था आए दिन लड़खड़ाती रहती है. यही कारण है कि वीआइपी से लेकर आम तक की गाड़ी को यहां अक्सर दो-चार होना पड़ता है. शहर के कई ऐसे इलाके हैं जहां अक्सर जाम की समस्या बनी रहती है. सड़कों से अतिक्रमण हटना एवं फिर लगना यहां के लिए आम बात है. प्रशासनिक तंत्र भी इस पर ठोस निर्णय नहीं ले पा रहा है. जिसके कारण जनमानस को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है.
—————
/ उज्जवल शर्मा
You may also like
विश्व मधुमेह दिवस: मधुमेह के मामलों में गुजरात टॉप-5 में, भारत में 61% मरीजों को भेदभाव का सामना करना पड़ा
फ्रांस-इटली जैसे देशों में प्रशंसित गुजरात का 'खटला वर्क', श्रम सस्ता होने से बड़े पैमाने पर ऑर्डर
CISF को मिली पहली महिला बटालियन, गृह मंत्रालय ने दी मंजूरी
Kartik Purnima 2024 Do's and Don't: कार्तिक पूर्णिमा के दिन क्या करें क्या नहीं, जानिए पूरा नियम
Recep Tayyip Erdogan: तुर्की ने इजरायल के साथ तोड़े सभी संबंध, राष्ट्रपति एर्दाेगन ने की घोषणा