– संविधान हत्या दिवस के अवसर पर संगोष्ठी संपन्न
भोपाल, 25 जून (Udaipur Kiran) । देश में आपातकाल लागू होने की 50 वीं वर्षगांठ को बुधवार को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में आपातकाल विभीषिका विषय पर संगोष्ठी में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मुख्य अतिथि के रुप में कहा कि आपातकाल के विरुद्ध लड़ाई देश के लोकतंत्र को बचाने के लिए लड़ी गई थी। उन्होंने कहा कि आपातकाल के दौरान न्यायालयों के फैसलों को पलट दिया गया। आपातकाल देश के लोकतंत्र पर काले धब्बे के समान था।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आज से 50 वर्ष पूर्व 25 जून 1975 को जिन लोगों ने देश में आपात काल लागू किया था, वे ही इस कलंक के लिए जिम्मेदार हैं और वे कभी भी इस कलंक से मुक्त नहीं हो सकते हैं। कार्यक्रम में नगरीय प्रशासन एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी, सांसद शंकर लालवानी, विधायक अजय विश्नोई, महेंद्र हार्डिया सहित अन्य जनप्रतिनिधि भी मौजूद थे। संगोष्ठी का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि लोकतंत्र सेनानियों ने लोकतंत्र की रक्षा के लिए निर्णायक लड़ाई लड़ी। उस दौर में हजारों निरपराध लोगों को जेलों में बंद कर दिया गया। आपातकाल में लोगों पर बेइंतहा अत्याचार किए गए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने लोकतंत्र की रक्षा के लिए दिवंगत लोकतंत्र सेनानियों के योगदान का स्मरण भी किया।
राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि आपातकाल के विरुद्ध लड़ाई देश की आजादी की दूसरी लड़ाई थी। उन्होंने कहा कि आपातकाल के दौरान किसी की भी संपत्ति जप्त की जा सकती थी। आपातकाल के दौरान लोकसभा का कार्यकाल बढ़ाकर छह वर्ष कर दिया गया था तथा संसद की बैठक के लिए कोरम की व्यवस्था समाप्त कर दी गई थी।
राज्यसभा सांसद त्रिवेदी ने कहा कि आपातकाल में विधायिका, कार्यपालिका और न्याय-पालिका के साथ साथ मीडिया पर भी नियंत्रण लागू किया गया था। उन्होंने कहा कि देश में वास्तविक लोकतंत्र आपातकाल की समाप्ति के बाद ही लागू हुआ है। त्रिवेदी ने कहा कि देश में वैचारिक स्वतंत्रता पाने की लड़ाई आज भी जारी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में हमें आत्म गौरव का आभास होने लगा है। त्रिवेदी ने कहा कि लोकतंत्र हमारे देश में 1947 से नहीं बल्कि हजारों वर्ष पूर्व से लागू रहा है। उन्होंने कहा कि भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र तो है ही, साथ ही लोकतंत्र की जननी भी है।
पूर्व मंत्री अजय विश्नोई ने आपातकाल में अपनी जेल यात्रा के अनुभव सुनाए। उन्होंने बताया कि 25 जून की रात में ही देश में सभी विपक्षी नेताओं को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। कार्यक्रम में अन्य वक्ताओं ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
(Udaipur Kiran) तोमर
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