Next Story
Newszop

वैज्ञानिक अब लैब तक सीमित नहीं रहेंगे, खेतों में जाकर किसानों से भी जुड़ेंगे : शिवराज

Send Push

image

बरेली, 30 जून (Udaipur Kiran) । केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि देश के प्रत्येक जिले में वैज्ञानिकों की 2,000 टीमें भेजी जाएंगी। वह स्थानीय किसानों को आधुनिक कृषि, उन्नत नस्लों, तकनीकी खेती और बागवानी के विषय में जानकारी देंगे। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक अब सिर्फ लैब में सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि खेत और खलिहान तक जाकर किसानों से जुड़ेंगे। उन्होंने कहा कि रिसर्च पेपर केवल प्रकाशन के लिए नहीं, बल्कि किसानों और पशुपालकों के जीवन में बदलाव लाने के लिए होने चाहिए।

केंद्रीय मंत्री सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की उपस्थिति भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) के दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आईवीआरआई केवल एक संस्था नहीं, बल्कि यह भारत की ग्रामीण जीवनशैली, पशुपालन संस्कृति और वैज्ञानिक सोच का आधार है। संस्थान ने टीका अनुसंधान, उन्नत नस्ल विकास, दुग्ध उत्पादन और पशुपालन में ऐसे कीर्तिमान स्थापित किए हैं, जिनसे न केवल भारत, बल्कि विश्व को भी नई दिशा मिली है।

केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि भारत कृषि प्रधान देश है लेकिन पशुपालन के बिना कृषि की कल्पना अधूरी है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि आज की रिसर्च प्रयोगशालाओं से निकलकर किसानों और पशुपालकों तक पहुंचे। उन्होंने बताया कि देश में 300 से अधिक अभिनव कृषि प्रयोग किसानों ने खुद किए हैं, जिनमें वैज्ञानिकों के सहयोग से और अधिक परिष्कृत करने की आवश्यकता है।

छात्रों से बोले कृषि मंत्री- डिग्री नहीं, ये जिम्मेदारी है

दीक्षांत समारोह में केंद्रीय मंत्री शिवराज ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि यह केवल डिग्री नहीं, यह देश, समाज, किसान और पशुपालक कल्याण की जिम्मेदारी है। उन्होंने स्वामी विवेकानंद के उद्धरणों के माध्यम से छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि आप अकेले नहीं हैं, आप राष्ट्र के भविष्य हैं। आप जो सोचेंगे, वही बनेंगे। देश को ऐसे वैज्ञानिकों की जरूरत है जो ज्ञान को सेवा में बदलें।

————————–

(Udaipur Kiran) / देश दीपक गंगवार

Loving Newspoint? Download the app now