जयपुर, 28 जून (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य विद्यार्थियों को सिर्फ शिक्षा प्रदान करना ही नहीं बल्कि इसके माध्यम से उनके जीवन में मूल्यों, नैतिकता और संस्कारों का समावेश कर आदर्श नागरिक बनाना है। उन्होंने कहा कि प्रदेश को शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी बनाने में भामाशाहों, शिक्षाविदों एवं प्रेरकों की त्रिवेणी अहम भूमिका निभा रही है। इनसे प्रेरणा लेकर समाज के अन्य लोग भी शिक्षा के क्षेत्र में योगदान देने के लिए प्रेरित होंगे।
शर्मा शनिवार को माहेश्वरी पब्लिक स्कूल के तक्षशिला सभागार में आयोजित 29वें राज्यस्तरीय भामाशाह सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मेवाड़ की रक्षा के लिए अपनी समस्त संपत्ति महाराणा प्रताप को समर्पित करने वाले भामाशाह का नाम हमारे हृदय में गर्व और सम्मान का भाव जगाता है। आज भी आवश्यकता पड़ने पर समाज के लिए भामाशाह आगे आते हैं। उन्होंने कहा कि समभाव, समानता तथा एक-दूसरे को आगे बढ़ाने का दृष्टिकोण प्रदेश की मिट्टी में विद्यमान है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय संस्कृति में दान का विशेष महत्व है। प्राचीन काल से ही हमारे शास्त्रों में दान को पुण्य का कार्य माना गया है। उन्होंने कहा कि भगवद् गीता में कहा गया है कि बिना किसी अपेक्षा के दिया गया दान सबसे उत्तम होता है। भामाशाह भी इसी भावना के साथ विद्यालयों में आर्थिक सहयोग दे रहे हैं। विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए हमारी सरकार सभी राजकीय विद्यालयों के संस्थागत ढांचे को सुविधायुक्त बनाने के लिए प्रयासरत है।
13 हजार राजकीय विद्यालयों में स्मार्ट क्लास-रूम शुरू
शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में हर बच्चे को सुलभ, आधुनिक और समावेशी शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए कई क्रांतिकारी कदम उठाए हैं। बच्चों को डिजिटल शिक्षा देने के लिए लगभग 14 हजार राजकीय विद्यालयों में आईसीटी लैब स्थापित की गई हैं। साथ ही, 13 हजार राजकीय विद्यालयों में स्मार्ट क्लास-रूम शुरू किए गए हैं। उन्होंने कहा कि हमने 402 पीएम श्री विद्यालयों में पूर्व प्राथमिक कक्षाएं शुरू की हैं जो बच्चों को प्रारंभिक स्तर पर ही मजबूत आधार प्रदान कर रही हैं। साथ ही, स्वामी विवेकानंद विद्यालयों में भी पहली बार प्राथमिक कक्षाओं की शुरुआत की गई है।
2 लाख 27 हजार बालिकाओं को 90 करोड़ रुपये से अधिक की डीबीटी
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने हमेशा से बेटियों को सशक्त बनाने को अपनी प्राथमिकता माना है। इसी दिशा में 2 लाख 27 हजार बालिकाओं को गार्गी पुरस्कार और बालिका प्रोत्साहन योजना के तहत 90 करोड़ रुपये से अधिक की राशि डीबीटी के माध्यम से प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि यह राशि बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करने और उनके सपनों को पंख देने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
भामाशाह कर रहे शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग का नेक एवं सराहनीय कार्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी भामाशाह शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग का नेक एवं सराहनीय कार्य कर रहे हैं। विद्यालयों के निर्माण, पुनर्निर्माण और बच्चों को आधुनिक शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराने जैसे कार्यों में उन्होंने अपना धन लगाया है। उन्होंने कहा कि भामाशाह केवल इमारतें नहीं बनवा रहे, बल्कि हमारे बच्चों के सपनों को भी एक नई उड़ान दे रहे हैं। भामाशाह स्वयं से ऊपर उठकर अपने समाज, क्षेत्र और राष्ट्र के विकास की सोच के साथ कार्य कर रहे हैं। साथ ही, प्रेरक भी इन्हें शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के लिए प्रेरित करने का प्रशंसनीय कार्य कर रहे हैं।
उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि आज के दानदाता आधुनिक युग के भामाशाह हैं जिन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में अमूल्य योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के कुशल नेतृत्व में राज्य सरकार जनकल्याण के कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। हमारी सरकार समाज की सेवा करने वाले हर व्यक्ति का इस तरह के आयोजनों के माध्यम से सम्मान भी करती है।
स्कूल शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि भामाशाहों ने करोड़ों रुपये का दान देकर विद्यार्थियों को शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुविधाएं उपलब्ध करवाई हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग निरंतर प्रगति कर रहा है। परीक्षा परिणाम पहले की तुलना में 6 प्रतिशत अधिक रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का तेजी से विस्तार हो रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व और मार्गदर्शन में मेधावी विद्यार्थियों को लैपटॉप-टैबलेट वितरण तथा बालिकाओं को साइकिल वितरण किया गया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के अधिकार के तहत 2 लाख से अधिक बच्चों को स्कूलों में प्रवेश दिया गया है।
समारोह में मुख्यमंत्री ने शिक्षा के क्षेत्र में 1 करोड़ रुपये से अधिक की राशि का सहयोग देने वाले 35 भामाशाहों को शिक्षा विभूषण सम्मान एवं 30 लाख से 1 करोड़ रुपये तक का सहयोग देने वाले 100 भामाशाहों को शिक्षा भूषण सम्मान प्रदान किया। उन्होंने मुंबई, कोलकाता, चेन्नई और बेंगलुरु में प्रवासी राजस्थानी शिक्षा सम्मेलन आयोजित करने वाले 15 प्रवासी राजस्थानी भामाशाहों को भी प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
शिविरा ई-बुलेटिन और भामाशाह प्रशस्ति पुस्तिका का किया गया विमोचन
इससे पहले मुख्यमंत्री श्री शर्मा ने आरटीई के तहत कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों की फीस पुनर्भरण व ट्रांसपोर्ट वाउचर की एक हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि रिमोट का बटन दबाकर डीबीटी की। साथ ही, उन्होंने कक्षा 1 से 5 तक व संस्कृत शिक्षा की कक्षा 1 से 8 तक की नवीन पुस्तकों, शिविरा ई-बुलेटिन और भामाशाह प्रशस्ति पुस्तिका का विमोचन किया।
इस अवसर पर जिला प्रमुख रमा चोपड़ा, शासन सचिव स्कूल शिक्षा विभाग कृष्ण कुणाल, राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा अभियान अनुपमा जोरवाल, प्रारम्भिक शिक्षा निदेशक सीताराम जाट, आयुक्त मिड-डे मील विश्व मोहन शर्मा सहित सम्मानित भामाशाह, शिक्षाविद् तथा समाजसेवी उपस्थित रहे।
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(Udaipur Kiran)
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