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विश्व में भूजल भंडारण का नया अध्याय लिखेगी तापी बेसिन मेगा रीचार्ज परियोजना: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

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– विश्व की सबसे बड़ी ग्राउंडवॉटर रीचार्ज परियोजना के एमओयू पर मप्र और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्रियों ने किए हस्ताक्षर

भोपाल, 10 मई . मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि तापी बेसिन मेगा रीचार्ज परियोजना विश्व की सबसे बड़ी ग्राउंडवॉटर रीचार्ज परियोजना है. यह एक अनूठी परियोजना है जो पूरे विश्व में भूजल पुनर्भरण का नया अध्याय लिखेगी. इससे प्रदेश के बड़े क्षेत्र विशेष रूप से निमाड़ का भूजल स्तर बढ़ेगा और यह वहां के लिए जीवन दायिनी सिद्ध होगी. इससे मध्य प्रदेश के लगभग 01 लाख 23 हजार तथा महाराष्ट्र के 2 लाख 37 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा विकसित होगी. यह सौभाग्य का विषय है कि आज महाराष्ट्र सरकार के साथ इस परियोजना के एमओयू पर हस्ताक्षर हुए हैं. दशकों से रूकी पड़ी मेगा रिचार्ज योजना की दिशा में हम आगे बढ़े हैं. पहले भी केन-बेतवा तथा पार्वती काली सिंध चंबल परियोजनाओं की दशकों से अटकी परियोजनाएं स्वीकृत हुई हैं. एमओयू के उपरांत दोनों राज्य सरकारें भारत सरकार को ताप्ती मेगा रिचार्ज योजना को अंतरराज्यीय राष्ट्रीय सिंचाई परियोजना की स्वीकृति के लिए अनुरोध करेंगी.

मुख्यमंत्री डॉ. यादव शनिवार को भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. यादव एवं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री फडणवीस ने तापी बेसिन मेगा रीचार्ज परियोजना के एम.ओ.यू पर हस्ताक्षर किए. इसके पहले मंत्रालय में मध्य प्रदेश-महाराष्ट्र अंतरराज्यीय नियंत्रण मंडल की 28वीं बैठक में ताप्ती बेसिन मेगा रीचार्ज परियोजना सहित दोनों राज्यों की अन्य सिंचाई परियोजनाओं के संबंध में चर्चा हुई और निर्णय लिए गए.

कार्यक्रम में मप्र के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, महाराष्ट्र के जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन, जनजातीय कल्याण मंत्री कुंवर विजय शाह, सांसद वीडी शर्मा, पूर्व मंत्री अर्चना चिटनिस, मुख्य सचिव अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री कार्यालय एवं जल संसाधन विभाग डॉ. राजेश राजौरा तथा महाराष्ट्र सरकार एवं प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारा मध्य प्रदेश नदियों का मायका है तथा यहां 247 से अधिक नदियां प्रवाहित होती हैं. हमारी जल राशियों में अथाह गहराई है. गत लगभग 25 वर्षों से मध्य प्रदेश की कई अंतरराज्यीय परियोजनाएं राज्यों के बीच आपसी सहमति न बन पाने के कारण आगे नहीं बढ़ पा रही थीं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में इन सभी परियोजनाओं को अब गति मिली है. राजस्थान सरकार के साथ पार्वती कालीसिंध चंबल परियोजना तथा उत्तर प्रदेश सरकार के साथ केन बेतवा लिंक परियोजना के बाद महाराष्ट्र सरकार के साथ तापी बेसिन मेगा रीचार्ज परियोजना न केवल संबंधित राज्यों अपितु पूरे देश के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होंगी.

उन्होंने कहा कि पार्वती कालीसिंध चंबल और केन बेतवा लिंक परियोजना की तरह ही इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने के लिए अब हम प्रधानमंत्री मोदी के पास जाएंगे और मुझे पूरा विश्वास है कि वे हमारी बात को स्वीकार करेंगे. इससे इन दोनों परियोजनाओं की ही तरह इस परियोजना के लिए भी 90 फीसदी राशि केंद्र सरकार द्वारा दी जाएगा. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री फडणवीस के आगमन पर आभार व्यक्त किया.

प्रधानमंत्री मोदी की सरकार में मूर्त रूप ले रही हैं अंतरराज्यीय परियोजनाएं: फडणवीस

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि कई दशकों से भारत में कई अंतरराज्यीय नदी परियोजनाएं राज्यों के बीच आपसी सहमति न होने के कारण अटकी हुई थीं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार आने के बाद अब ये योजनाएं मूर्त रूप ले रही है. मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. यादव की सक्रियता के कारण आज 25 साल बाद मध्य प्रदेश-महाराष्ट्र अंतरराज्यीय नियंत्रण मंडल की बैठक हुई है और उसमें तापी बेसिन मेगा रिचार्ज परियोजना एवं अन्य सिंचाई योजनाओं पर सहमति बनी है. यह दोनों राज्यों के लिए अत्यंत लाभकारी है. इस दिशा में सकारात्मक पहल के लिए मुख्यमंत्री डॉ यादव बधाई के पात्र हैं. मध्य प्रदेश सरकार-महाराष्ट्र सरकार के साथ मिलकर कई क्षेत्रों में कार्य करेगी.

फडणवीस ने कहा कि तापी बेसिन मेगा रीचार्ज परियोजना विश्व की सबसे बड़ी वॉटर रिचार्ज स्कीम है जो की दुनिया का एक अजूबा है. मध्य प्रदेश एवं महाराष्ट्र राज्य की सीमा पर तापी नदी की घाटी में बजाडा जोन तैयार हुआ है जो ताप्ती नदी के समानान्तर जाता है, जिसमें वॉटर रीचार्ज की अद्भुत क्षमता है. इस परियोजना से दोनों राज्यों के बड़े क्षेत्र में वॉटर रीचार्ज होगा, जिसका लाभ लाखों किसानों को मिलेगा. कार्यों को गति देने के लिए पुनः अंतरराज्यीय नियंत्रण मंडल की बैठक आगामी अक्टूबर माह में महाराष्ट्र में आयोजित की जाएगी.

मंत्रालय वल्लभ भवन में संपन्नमध्य प्रदेश महाराष्ट्र अंतरराज्यीय नियंत्रण मंडल की बैठक में ताप्ती बेसिन मेगा रीचार्ज परियोजना के एमओयू पर हस्ताक्षर की सहमति बनी. इसी के साथ बैठक में बाणगंगा नदी पर डांगुरली बैराज का निर्माण, बाघ नदी पर वियर का निर्माण और लावाघोघरी – तोतलाडोह जल विनिमय योजना पर भी चर्चा की गई, जिन पर दोनों राज्यों के बीच सैद्धांतिक सहमति बनी.

तापी बेसिन मेगा रिचार्ज परियोजना

तापी बेसिन मेगा रिचार्ज परियोजना मध्य प्रदेश एवं महाराष्ट्र राज्यों की संयुक्त परियोजना है. इस योजना से मध्यप्रदेश के 1,23,082 हेक्टेयर क्षेत्र में एवं महाराष्ट्र के 2,34,706 सेक्टर में सिंचाई प्रस्तावित है. योजना में भूजल भंडारण का विस्तार किया जाएगा, जिससे प्रदेश के बुरहानपुर एवं खंडवा जिलों की बुरहानपुर, नेपानगर, खकनार एवं खालवा तहसीलें लाभान्वित होंगी.

तोमर

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