नई दिल्ली, 20 अगस्त (Udaipur Kiran) । निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के मत्स्य विभाग के मंत्री डॉ. संजय कुमार निषाद ने कहा कि मछुआ समाज के लिए आरक्षण उनका संवैधानिक अधिकार है। जब तक समाज को हक नहीं मिल जाता तब तक लड़ाई जारी रहेगी। डॉ. संजय निषाद बुधवार को तालकटोरा स्टेडियम में निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन एवं 10वां स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि आज का यह दिन केवल उत्सव नहीं बल्कि संकल्प और एकता का प्रतीक है। दस साल पहले जब निषाद पार्टी की नींव रखी गई थी, तब समाज की आवाज़ उठाना कठिन था, लेकिन आज निषाद पार्टी न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे भारत में मछुआरे, बिंद, केवट, मल्लाह, कुंवर, गोंड, कश्यप और अन्य मेहनतकश समाजों की सशक्त आवाज़ बन चुकी है। उन्होंने कहा कि 70 साल से कांग्रेस, और उत्तर प्रदेश में 19 साल तक सपा-बसपा ने भेदभाव की राजनीति करके हमें हमारे हक़ से वंचित रखा। अब यह अन्याय ज़्यादा दिन नहीं चल पाएगा। लड़ाई केवल दिल्ली या लखनऊ तक सीमित नहीं है, यह लड़ाई हर गांव, हर गली और हर घर तक पहुंचेगी। अगर समाज संगठित रहेगा तो कोई ताक़त हमें हमारे संवैधानिक अधिकार से वंचित नहीं रख सकती। आरक्षण की लड़ाई सिर्फ एक व्यक्ति या पार्टी की नहीं है, यह पूरी मछुआरा बिरादरी की लड़ाई है।
उन्होंने कहा कि निषाद पार्टी बिहार विधानसभा चुनाव में उतरेगी और पूरे समाज को मजबूती के साथ इस लड़ाई में आगे बढ़ना है। संजय निषाद ने यह भी कहा कि यह लड़ाई किसी एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि पूरे समाज की है। उन्होंने सभी उपस्थित कार्यकर्ताओं से संकल्प लेने को कहा कि वे जाति, बिरादरी और क्षेत्रीय बंटवारे से ऊपर उठकर अपने समाज की ताक़त को संगठित करेंगे और अपने पूर्वजों के सपनों को साकार करेंगे।
इस दौरान ई० प्रवीण निषाद, मालती देवी निषाद, एसके तोमर, अनिल निषाद, रघुराई निषाद, कमलेश निषाद, रविन्द्र मणि निषाद, मिठाई लाल निषाद, जनकनंदनी निषाद, बाबू राम निषाद, व्यास मुनि निषाद, संजय सिंह सहित कई राष्ट्रीय पदाधिकारी समेत अन्य मौजूद रहे।
इस मौके पर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि मछुआ समाज ने प्रभु श्रीराम को गंगा पार कराया था, और आज वही समाज उत्तर प्रदेश की राजनीति का भविष्य लिखने जा रहा है। पीडीए अभियान का नारा देने वाले सपा नेताओं ने वास्तव में पिछड़ी और अनुसूचित जातियों को लूटने का काम किया है, जिसमें निषाद, केवट, मल्लाह, बिंद, कश्यप, भर, राजभर, पटेल, कुर्मी और जाट भी शामिल हैं। 70 वर्षों से कांग्रेस, 19 वर्षों तक सपा और बसपा ने हमारी जातियों को दूध में मक्खी की तरह फेंक दिया। अगर समाज को हक़-अधिकार नहीं मिलेगा तो लखनऊ की विधानसभा का भी घेराव किया जाएगा। अपना दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष आशीष पटेल ने कहा कि निषाद पार्टी अब अकेली नहीं है, हम सभी सहयोगी दल उनके साथ खड़े हैं। आज मंच पर मौजूद आरएलडी, सुभासपा, निषाद पार्टी और अपना दल (एस) ही असली पीडीए है। सत्ता की चाबी अब इन्हीं चारों दलों के पास होगी।
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(Udaipur Kiran) / विजयालक्ष्मी
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