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बलरामपुर : आरक्षक हत्याकांड मामले में जनहित याचिका के रूप में हाईकोर्ट में होगी प्रकरण की सुनवाई

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बलरामपुर, 14 मई . रेत तस्करी में प्रयुक्त ट्रेक्टर से कुचलकर आरक्षक की हत्या के मामले में बलरामपुर पुलिस द्वारा घटना में संलिप्त आरोपितों की तलाश तेज कर दी गई है. कुछ संदिग्धों को भी हिरासत में लिया गया है. आज बुधवार को बलरामपुर पुलिस इस मामले का खुलासा कर सकती है. इस घटना के बाद से सनावल व आसपास के क्षेत्र के ग्रामीणों में भी नाराजगी है. वे रेत तस्करों पर प्रभावी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.

उल्लेखनीय है कि, रविवार रात 11 बजे वन विभाग को सनावल क्षेत्र के ग्राम कुशफर के समीप वन भूमि पर अवैध अतिक्रमण की सूचना मिली थी. इस पर वन विभाग की टीम के साथ सनावल थाना के चार आरक्षक मौके पर रवाना हुए थे. मौके पर पहुंचकर विभागीय अधिकारियों ने अतिक्रमण के विरुद्ध पंचनामा तैयार कर कार्रवाई की. इसके बाद टीम को सूचना मिली कि ग्राम लिबरा के कन्हर नदी में रेत खनन किया जा रहा है.

टीम जैसे ही लिबरा पहुंची, वहां मौजूद अवैध रूप से रेत भरते ट्रैक्टर चालक पुलिस को देखकर भागने लगे थे. आरक्षक शिवबचन सिंह (43वर्ष ) ने एक ट्रैक्टर को रोकने का प्रयास किया, लेकिन चालक ने रुकने के बजाय तेजी से ट्रैक्टर बढ़ाते हुए उन्हें जोरदार टक्कर मार दी और फरार हो गया था. ट्रैक्टर की चपेट में आने से आरक्षक की मौके पर ही मौत हो गई.

इस घटना के बाद सरगुजा रेंज के पुलिस महानिरीक्षक दीपक कुमार झा ने सनावल थाना प्रभारी दिव्यकांत पांडेय को निलंबित कर दिया था. उत्तर छत्तीसगढ़ में रेत तस्करी का धंधा वर्षों से चल रहा है लेकिन किसी शासकीय सेवक को रेत तस्करी में प्रयुक्त वाहन से कुचलकर मारने की यह पहली घटना है. घटना के बाद पुलिस की अलग-अलग टीमों को आरोपितों की गिरफ्तारी में लगाया गया है.

पूर्ववर्ती कांग्रेस शासनकाल में बलरामपुर जिले में रेत तस्करी को भाजपा ने बड़ा मुद्दा बनाया था. राजनैतिक और प्रशासनिक संरक्षण में रेत तस्करी का आरोप लगाकर भाजपाइयों ने विरोध प्रदर्शन भी किया था. वर्तमान केबिनेट मंत्री रामविचार नेताम की अगुवाई में रेत तस्करी के विरोध में भाजपाइयों ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार को घेरने की कोशिश की थी. अब छत्तीसगढ़ में सरकार बदल गई है लेकिन बलरामपुर जिले में रेत तस्करी बदस्तूर जारी है. जबकि गांववाले इसका लगातार विरोध कर रहे हैं. झारखंड की सीमा पर बलरामपुर जिले का अंतिम ग्राम पंचायत धौली है.

इसी पंचायत के आश्रित ग्राम लिबरा से होकर कन्हर नदी गुजरती है. कन्हर नदी के रेत पर झारखंड के रेत माफियाओं की नजर थी. 24 घंटे ट्रैक्टर लगाकर वे रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन कर रहे थे. यहां का रेत ऊंचे दर पर झारखंड में खपाया जा रहा था. स्थानीय ग्रामीणों का आरोप था कि, उन्हें रेत के व्यक्तिगत उपयोग की भी अनुमति नहीं दी जाती थी. जब कभी भी वे अपने उपयोग के लिए रेत लेने जाते थे तो उन्हें मारने-पीटने की धमकी दी जाती थी. हत्या कर रेत में शव दफन कर देने की धमकियों से आसपास के गांवों के लोग झारखंड के रेत तस्करों से भयभीत थे.

डीजीपी, खनिज सचिव व वन विभाग को हाई कोर्ट से नोटिस

बलरामपुर जिले के सनावाल थाना क्षेत्र के लिबरा रेत घाट पर माफिया द्वारा कॉन्स्टेबल शिव बचन सिंह की ट्रैक्टर से कुचलकर हत्या करने के मामले में बिलासपुर हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेकर सुनवाई की. हाईकोर्ट ने कहा कि, अवैध खनन रोकने निर्देश के बाद यह हालत है, जो बहुत ही गंभीर बात है. स्टेट अफेयर्स की ऐसी हालत है. हाईकोर्ट ने डीजीपी, खनिज सचिव और वन विभाग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

मांगः राजकीय सम्मान नहीं दिया

आरक्षक की पत्नी ने कहा कि, ड्यूटी पर बलिदान होने के बाद भी उन्हें राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार नहीं किया गया. इलाके के समाजसेवी संतोष यादव ने प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि, आरक्षक शिवबचन सिंह को शहीद का दर्जा मिलना चाहिए. साथ ही उन्होंने बलिदान शिवबचन के नाम से एक सड़क या चौक बनाने की मांग की. घर के बाहर भी मातम पसरा रहा.

समय-समय पर टीम करती है कार्रवाई खनिज अधिकारी

वहीं इस मामले में खनिज अधिकारी अजय रंजन ने बताया कि, अलग-अलग जगहों पर रेत की तस्करी हो रही है. विभाग की टीम कार्रवाई भी करती है. आप रेत घाटों का नाम बता दीजिए. खनिज विभाग की टीम कार्रवाई करेगी. कई बार रेत घाट से रेत की तस्करी वहां से स्थानीय लोग ही करते हैं, इसके कारण तस्करी की सूचना नहीं मिल पाती है. अभी तो पीएम आवास बनाने रेत स्थानीय लोग ही ले जा रहे हैं.

बलरामपुर पुलिस अधीक्षक वैभव बेंकर ने बताया कि, पुलिस को महत्वपूर्ण सफलता मिल चुकी है, कुछ तथ्य शेष बचे हैं जिनकी कड़ियां जोड़ी जा रही है.

/ विष्णु पाण्डेय

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