कोलकाता, 20 मई . अपनी ही पार्टी के एक कार्यकर्ता की हत्या की कोशिश के मामले में सजायाफ्ता तृणमूल कांग्रेस के 12 नेताओं को कलकत्ता हाई कोर्ट ने मंगलवार को अंतरिम जमानत प्रदान कर दी है. हालांकि, इन नेताओं की तत्काल जेल से रिहाई नहीं हो पाएगी क्योंकि कोर्ट ने जमानत को कुछ शर्तों के साथ मंजूर किया है.
इस मामले की सुनवाई हाई कोर्ट के जस्टिस देवांशु बसाक और जस्टिस मोहम्मद सब्बर रशीदी की खंडपीठ ने कोर्ट रूम नंबर 26 में की. दोषियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता शेखर बोस ने पैरवी की, जिसके बाद कोर्ट ने अंतरिम जमानत देने का आदेश सुनाया.
अदालती सूत्रों के अनुसार, इन 12 दोषियों को अस्थायी जमानत दी गई है. प्रत्येक को 10 हजार रुपये की राशि कोर्ट में जमा करनी होगी और महीने में एक बार बर्दवान के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) की अदालत में पेश होना अनिवार्य होगा. हाई कोर्ट के आदेश की प्रति सीजेएम कोर्ट में जमा करनी होगी. जब सीजेएम कोर्ट जेल प्रशासन को रिहाई का निर्देश देगा, तभी इन दोषियों को जेल से छोड़ा जाएगा.
जिन 12 लोगों को अंतरिम जमानत मिली है, उनमें बर्दवान-1 पंचायत समिति के निर्माण विभाग के कर्माध्यक्ष मानस भट्टाचार्य, रायान-1 ग्राम पंचायत के प्रधान कार्तिक बाग, और रायान अंचल तृणमूल अध्यक्ष शेख जमाल सहित कई प्रमुख नेता शामिल हैं.
अब सवाल उठ रहा है कि क्या पंचायत प्रधान और कर्माध्यक्ष जैसे पदों पर बने रहना इन दोषियों के लिए संभव होगा? इसको लेकर पंचायत मंत्री प्रदीप मजूमदार ने पहले ही जिला प्रशासन को दोषियों को पद से हटाने का निर्देश दे दिया है.
यह मामला वर्ष 2017 का है, जब रायान-1 पंचायत के तत्कालीन सदस्य जीवन पाल के पिता देवू पाल पर पार्टी के ही एक गुट ने हमला किया था. इस हमले में उनकी एक आंख चली गई थी. इसके बाद तृणमूल की ब्लॉक अध्यक्ष काकली गुप्ता सहित 13 नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज हुआ.
एक अप्रैल 2024 को बर्दवान की फास्ट ट्रैक कोर्ट-2 के जज अरविंद मिश्रा ने 13 में से 12 लोगों को 10 साल की सजा और जुर्माने की सजा सुनाई थी, जबकि शारीरिक रूप से अस्वस्थ होने के कारण काकली गुप्ता को तीन साल की सजा दी गई थी. बाद में उन्हें जिला अदालत ने जमानत दे दी थी, जबकि बाकी 12 दोषियों को जेल भेजा गया था. इन सभी ने निचली अदालत के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी और साथ ही जमानत की मांग की थी, जिस पर अब हाई कोर्ट ने अंतरिम राहत दी है.
पीड़ित के बेटे जीवन पाल ने कहा कि मामला अब हाई कोर्ट में लंबित है. कोर्ट ने अंतरिम जमानत दी है, इस पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा. हम हाई कोर्ट के अंतिम निर्णय का इंतजार कर रहे हैं.
/ ओम पराशर
You may also like
पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीपी मलिक बोले, 'भारत को ऑपरेशन जारी रखना चाहिए था'
आईपीएल गवर्निंग काउंसिल ने मैचों का अतिरिक्त समय एक घंटा बढ़ाया, पढ़ें बड़ी खबर
राजस्थान में ज्वेलरी शॉप से कई किलो चांदी चोरी तिजोरी नहीं टूटी तो गहनों पर किया हाथ साफ, CCTV में कैद हुई पूरी घटना
बेंगलुरु में बारिश से प्रभावित सिल्क बोर्ड क्षेत्र का भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने निरीक्षण किया
मीर जाफर से राहुल गांधी की तुलना पर भड़के कांग्रेस नेता पवन खेड़ा