Next Story
Newszop

राज्य सरकार को बड़ी राहत, 50.28 करोड़ रुपए ब्याज सहित अदा करने का आदेश रद्द

Send Push

जयपुर, 5 जुलाई (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को बड़ी राहत देते हुए आर्बिट्रेटर के उस आदेश को रद्द कर दिया है, जिसके तहत राज्य सरकार को रोड निर्माण करने वाली फर्म को 50.28 करोड रुपये से अधिक की राशि ब्याज सहित अदा करनी थी। हालांकि अदालत ने जनवरी, 2012 तक वसूली गई टोल राशि पर रोड निर्माता फर्म का अधिकार माना है। जस्टिस अवनीश झिंगन और जस्टिस भुवन गोयल की खंडपीठ ने यह आदेश राज्य सरकार की ओर से दायर अपील पर सुनवाई करते हुए दिए।

अपील में अतिरिक्त महाधिवक्ता संदीप तनेजा ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने बीओटी आधार पर पाली बायपास, जोधपुर-सुमेरपुर रोड निर्माण का ठेका साल 2003 में सांवरिया इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा.लि. को दिया था। निर्माता फर्म को 18 माह में रोड निर्माण कर 52 माह टोल राशि वसूल करनी थी। रोड निर्माण के लिए राज्य सरकार ने अधिकांश भूमि निर्माता फर्म को सौंप दी। वहीं शेष भूमि भी कुछ माह बाद रोड निर्माण के लिए दी गई। निर्माता फर्म ने रोड निर्माण कर 3 मई, 2006 से टोल वसूली भी आरंभ कर दी। वहीं समयावधि को लेकर निर्माता फर्म का विवाद हो गया। आखिर में मामला आर्बिट्रेटर तक पहुंचा। आर्बिट्रेटर ने साल 2019 में फर्म के पक्ष में फैसला देते हुए साल 2012 तक वसूली गई टोल राशि पर फर्म का अधिकार माना और रेलवे लाइन बंद नहीं करने के आधार पर क्षतिपूर्ति के तौर पर फर्म के पक्ष में 50.28 करोड़ रुपए ब्याज सहित अदा करने को कहा। वहीं तीन माह में इस राशि का भुगतान नहीं करने पर 12 फीसदी ब्याज भी अदा करने के आदेश दिए। इस आदेश को राज्य सरकार ने कमर्शियल कोर्ट में चुनौती दी, लेकिन अदालत ने याचिका को खारिज कर दिया। इसके खिलाफ राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में अपील दायर की। अपील में कहा गया कि दोनों पक्षों के बीच हुए करार में रेलवे लाइन बंद करने की कोई शर्त नहीं थी। वहीं रोड निर्माण के लिए जमीन का अधिकांश हिस्सा फर्म को सुपुर्द कर दिया था। जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने क्षतिपूर्ति के तौर पर 50.28 लाख रुपये ब्याज सहित अदा करने के आर्बिट्रेटर के आदेश को रद्द कर दिया है।

—————

(Udaipur Kiran)

Loving Newspoint? Download the app now