धमतरी, 7 नवंबर (Udaipur Kiran) . Chhattisgarh के धमतरी जिले के ग्रामीण अंचल में इन दिनों तेजी से खरीफ धान फसल की कटाई-मिंजाई चल रही है. जिन खेतों में पानी जमा है, वहां पर हार्वेस्टिंग मशीन नहीं पहुंच पा रहा है. ऐसे में किसान मजदूरों के सहारे धान की कटाई करा रहे हैं. गांव में मजदूराें की पूछ-परख बढ़ गई है.
मौसम खुलने के बाद धान कटाई में तेजी आ गई है. इन दिनों मजदूरों की पारिश्रमिक 170 से 200 रुपये के बीच चल रही है. किसान क्लब देमार के अध्यक्ष दिनेश कुमार साहू ने बताया कि हार्वेस्टिंग मशीन से धान कटाई का प्रति घंटे 28 सौ तीन हजार रुपये चल रहा है. सप्ताहभर के बाद कार्य में तेजी आएगी. किसान व मजदूर व्यस्त हो जाएंगे. जिले के धमतरी, कुरूद, मगरलोड और नगरी ब्लाक में करीब एक लाख हेक्टेयर क्षेत्र से अधिक रकबा पर जिले के किसानों ने अर्ली वेरायटी के धान फसल खेतों पर ली है, जो इन दिनों खेतों में तैयार हो रही है. किसानों ने अपने धान फसल की कटाई-मिंजाई शुरू कर दी है. जिले के अधिकांश गांव में धान फसल की कटाई-मिंजाई चल रही है. गांव में हार्वेस्टर व ट्रेक्टर-ट्राली की मांग बढ़ गई है. राज्य सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर धान खरीदी 15 नवंबर से होगी. धान खरीद के लिए मुश्किल से सप्ताह भर का समय बचा है. देरी से बुआई करने वाले किसान चिंतित है. अभी भी उनकी धान फसल पककर तैयार नहीं हुई है. उधर धान फसल की कटाई-मिंजाई शुरू होते ही बाजार में बारदाना की मांग बढ़ गई है. बाजार में भी खरीद-बिक्री शुरू हो गई है. जरूरतमंद किसान बारदाना को स्टाक करके रखे हुए है. वहीं चावल दुकानों से बारदाना धान खरीदी के लिए शासन स्तर से एकत्रित किया जा रहा है, ताकि इसका उपयोग धान खरीदी के समय किया जा सके.
प्रशासनिक दायित्व नहीं, बल्कि किसानों के प्रति हमारी जवाबदेही है. प्रशिक्षण में ण्अधिकारियों को धान उपार्जन नीति 2025-26 की विस्तृत जानकारी बिंदुवार दी गई. इसमें विशेष रूप से इंटीग्रेटेड कमांड एवं कंट्रोल सेंटर की कार्यप्रणाली, गेट पास व्यवस्था, गणना योग्य स्टैकिंग, पर्याप्त मात्रा में त्रिपाल की उपलब्धता, टोकन ‘तुहर हाथ’ ऐप के माध्यम से निर्गत करने की प्रक्रिया एवं किसानों की सुविधा के लिए प्रचार-प्रसार की व्यवस्था पर चर्चा की गई. कलेक्टर ने कहा कि धान खरीद प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, इसलिए सभी नोडल अधिकारी खरीदी व्यवस्था को पारदर्शी, व्यवस्थित और सुचारू रूप से संचालित करें. उन्होंने निर्देश दिए है कि प्रत्येक Saturday को नोडल अधिकारी अपने-अपने खरीदी केन्द्रों में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहें, जिससे स्थल पर समस्याओं का तत्काल निराकरण हो सके.
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा
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