जम्मू, 8 अप्रैल . जम्मू-कश्मीर में शराबबंदी राज्य दर्जा बहाली समेत तमाम जनहितकारी मुद्दों पर चर्चा से बचने के लिए एक सोची-समझी रणनीति के तहत भाजपा व नेकां के बीच नूराकुश्ती का खेल किया जा रहा है यह कहना है शिवसेना (यूबीटी) जम्मू-कश्मीर ईकाई प्रमुख मनीश साहनी का.
पार्टी प्रदेश मध्यवर्ती कार्यालय में आयोजित आज एक पत्रकार वार्ता में प्रदेश प्रमुख मनीश साहनी ने कहा कि लोकसभा व राज्यसभा से पास होने व कानून बनने के बाद जम्मू कश्मीर विधानसभा में वक्फ बिल पर चर्चा कोई मायने नहीं रखती. वहीं स्पीकर महोदय का नेकां से होने के बावजूद नेकां विधायकों की वक्फ बिल पर चर्चा की मांग और अनुमति नहीं मिलना सीधा संकेत है कि अपनी राजनितिक रोटियां सेंकने व जरुरी मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए नूराकुश्ती हो रही है.
साहनी ने कहा कि आज कुछ विधायकों द्वारा जम्मू-कश्मीर में शराब पर प्रतिबंध लगाए जाने पर निजी प्रस्ताव लाया जाना था जो नेकां व भाजपा दोनों को दुविधा में डाल सकता है. वहीं राज्य दर्जा बहाली को लेकर भी भाजपा किसी तरह के प्रस्ताव के पक्ष में नहीं है.
साहनी ने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि शराबबंदी व जनहितकारी मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए वक्फ बिल का सहारा ले जनता को नूराकुश्ती का खेल दिखाकर बरगलाया जा रहा है. साहनी ने भाजपा विधायकों से जम्मू-कश्मीर व मंदिरों के शहर जम्मू से शराबबंदी लागू करने को लेकर आवाज बुलंद करने की मांग की है
/ रमेश गुप्ता
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