-पेयजल संबंधी शिकायतों के लिए “जलसंपर्क” कॉल सेंटर
अहमदाबाद, 22 मई . गर्मी के मौसम में राज्य के हर परिवार और नागरिक तक पीने के लिए पर्याप्त पानी पहुंचाने के लिए गुजरात सरकार रोजाना 320 करोड़ लीटर जलापूर्ति कर रही है. यह पानी “राज्यव्यापी जलापूर्ति ग्रिड” के अंतर्गत कुल 3,250 किमी की बल्क पाइपलाइन और 1.20 लाख किमी से अधिक लंबी पानी वितरण पाइपलाइन के माध्यम से राज्य के 15,720 से अधिक गांवों और 251 शहरी क्षेत्रों को दी जा रही है.
राज्य सरकार की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार गुजरात के कुल 18,152 गांवों में से 15,720 गांवों को 372 समूह जल आपूर्ति योजनाओं के तहत सतही स्रोत आधारित बल्क पाइपलाइन और नवीन-सुधार समूह जल आपूर्ति योजनाओं द्वारा पानी प्रदान किया जा रहा है. जबकि बाकी 2,432 गांवों को स्थानीय स्रोत आधारित व्यक्तिगत जल आपूर्ति योजनाओं के माध्यम से पानी उपलब्ध कराया जा रहा है. शेष सभी गांवों को भी समूह योजना में शामिल किया जा रहा है, जिसका कार्य वर्तमान में प्रगति पर है.
समूह योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में पीने योग्य पानी पहुंचाने के लिए राज्य के कुल 74 डैमों से पीने के पानी का जल भंडार सुरक्षित रखा गया है, जहां से आवश्यकतानुसार पानी निकाल कर शुद्धिकरण कर लाभार्थी गांवों तक पहुंचाया जाता है. इसके अतिरिक्त समूह योजनाओं में कभी-कभार लीकेज और पंपिंग मशीनरी जैसी समस्याएं उत्पन्न होने पर समूह योजना में सम्मिलित गांवों में पानी की कमी न हो तथा गर्मी के मौसम में पशुओं की पानी की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अनिवार्य परिस्थितियों में टैंकरों द्वारा आवश्यकतानुसार पानी पहुंचाया जाता है.
पानी आपूर्ति से संबंधित शिकायतों के निवारण के लिए “ग्रिवांस रिड्रेसल सिस्टम” कार्यरत है. इसके अंतर्गत गांधीनगर में 24×7 घंटे का कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है, जिसमें 1916 टोल फ्री नंबर से पीने के पानी से संबंधित सभी शिकायतें दर्ज की जाती हैं. इसके अलावा पानी आपूर्ति बोर्ड की मुख्य काउंसिल में प्रैक्टिव कॉल सेंटर “जलसंपर्क” कार्यरत है.
इस कॉल सेंटर के माध्यम से अब तक 52,000 से अधिक लोगों का संपर्क किया गया है, जिनमें से 99.50% लोगों ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है. ग्रामीण स्तर पर पाइपलाइन लीकेज सहित मरम्मत और संचालन कार्य सुचारू रूप से हो, इसके लिए अब तक कुल 13,700 ऑपरेटर, संरक्षक, संसाधन व्यक्ति को प्रशिक्षण दिया गया है. प्रत्येक जिले के जिला विकास अधिकारियों और कलेक्टरों को उनके जिले की पीने के पानी की स्थिति एवं शिकायतों की नियमित समीक्षा के लिए जिला जल और स्वच्छता समिति की नियमित बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए जाते हैं.
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/ बिनोद पाण्डेय
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