काठमांडू, 13 अप्रैल . पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह ने 28 मार्च की घटना के बारे में अपना पक्ष रखा है. विक्रम संवत 2082 के अवसर पर नव वर्ष शुभकामना संदेश देने के लिए रविवार को जारी एक वीडियो संदेश में, शाह ने काठमांडू में हिंसक घटना को संक्षेप में संबोधित किया.
प्रधानमंत्री और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता हिंसक घटना पर पूर्व राजा ज्ञानेन्द्र शाह से अपना रुख स्पष्ट करने की मांग कर रहे थे.
अपने नए साल की बधाई में, शाह ने टिप्पणी करते हुए हाल ही में सार्वजनिक विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंसा, आगजनी और बर्बरता के बारे में सुनकर बहुत दुखी होने की बात कही है.
पूर्व राजा ज्ञानेन्द्र शाह के सचिवालय के तरफ से उनके संवाद सचिव फणीराज पाठक ने वीडियो संदेश साझा करते हुए देश की वर्तमान राजनीतिक, आर्थिक अवस्था पर शाह के विचार को जनता के सामने लाने की बात कही है.
पूर्व राजा ज्ञानेन्द्र शाह ने अपने नव वर्ष के शुभकामना संदेश में यह भी कहा कि कोई भी प्रणाली या विचारधारा नागरिकों की स्वतंत्रता से बड़ी नहीं है. उन्होंने कहा कि सच्चा लोकतंत्र मौजूद है जहां शिकायतों और प्रशंसा दोनों को सुनने की परंपरा और संस्कृति है. ज्ञानेन्द्र ने यह भी कहा कि हम राष्ट्र और उसके भविष्य के बारे में नेपाली लोगों के बीच जागृति को सकारात्मक रूप से देखते हैं.
ज्ञानेन्द्र शाह ने अपने संदेश में स्वीकार किया कि देश को मौजूदा जटिलताओं से मुक्त करने और एक शांतिपूर्ण, स्थिर और समृद्ध राष्ट्र बनाने के लिए जागरूकता बढ़ी है. शाह ने विश्वास व्यक्त किया कि परिणाम 2082 में प्राप्त किए जाएंगे. उन्होंने कहा नेपाल में राजशाही ने हमेशा आम नेपाली को अशांति, अराजकता, निराशा और असंतोष से मुक्त करने में योगदान दिया है. हमारा विश्वास हमेशा राष्ट्रवाद और लोकतंत्र में रहा है और जनता की भावनाओं के अनुरूप बहुदलीय लोकतंत्र और संवैधानिक राजशाही का पालन करता रहा है.
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/ पंकज दास
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