निर्देशक प्रियदर्शन की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘हेरा फेरी 3’ लंबे समय से चर्चा में बनी हुई है। शुरुआत में अभिनेता परेश रावल के फिल्म छोड़ने की खबरें सामने आई थीं, लेकिन अब पुष्टि हो चुकी है कि वह फिर से ‘बाबू भैया’ के आइकॉनिक किरदार में वापसी कर रहे हैं। सुनील शेट्टी ने कहा कि मैं फिल्म की रिलीज़ से पहले ज़्यादा कुछ नहीं बोलूंगा, क्योंकि नज़र लग जाती है।
इसी बीच सुनील शेट्टी, जो फिल्म में श्याम की भूमिका निभा रहे हैं, एक इंटरव्यू में अपने सह-कलाकारों और इंटरनेट पर वायरल हो रहे मीम्स को लेकर खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि ‘हेरा फेरी’ सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि एक इमोशन है, और यह फैन्स की वजह से आज भी ज़िंदा है। सुनील ने हंसी-हंसी में यह भी स्वीकार किया कि बाबू भैया के मीम्स देखकर वह खुद भी हंसते हैं और ये मीम्स इस फ्रेंचाइज़ी की विरासत को और मजबूत करते हैं।
सुनील शेट्टी ने ‘हेरा फेरी’ की यादों को ताज़ा करते हुए कहा, फिल्म के जितने भी मजेदार डायलॉग्स और पंचलाइन हैं, वो सब प्रियदर्शन सर की देन हैं। हमने बस थोड़ी बहुत इम्प्रोवाइजेशन की थी, लेकिन हर एक लाइन उन्होंने खुद लिखी थी। उन्होंने आगे कहा, मैंने आज तक प्रियदर्शन जैसा निर्देशक नहीं देखा। कॉमेडी के मामले में उनकी पकड़ अद्भुत है। वो वो चीज़ें भी देख और समझ लेते हैं जो आमतौर पर हमारी पकड़ में नहीं आतीं। वो सच में कॉमेडी के जीनियस हैं
सुनील शेट्टी ने हाल ही में फिल्म में परेश रावल की वापसी की खबर पर मुहर लगाई। उन्होंने कहा, हां, हां, वो फिल्म में हैं और मैं वाकई बहुत एक्साइटेड हूं। लेकिन जैसा कि मैंने पहले भी कहा, मैं फिल्म की रिलीज़ से पहले ज़्यादा कुछ नहीं बोलूंगा, क्योंकि नज़र लग जाती है। कई बार हम खुद को भी अच्छी या बुरी नज़र से देख लेते हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि किस तरह ‘श्याम’ का किरदार उनके लिए एक नई पहचान बन गया है, आजकल बच्चे मुझे श्याम के किरदार से ही जानते हैं। अगर कोई मां अपने 8 साल के बच्चे से पूछती है कि क्या वो मुझे पहचानता है, तो वह मना कर देता है। लेकिन जैसे ही हेरा फेरी का नाम लिया जाता है, उसके चेहरे पर मुस्कान आ जाती है। आज मैं सुनील शेट्टी के नाम से नहीं, बल्कि ‘हेरा फेरी’ के श्याम के नाम से जाना जाता हूं।
सुनील शेट्टी ने फिल्म इंडस्ट्री में कॉमेडी के मौजूदा स्तर पर अपनी राय जाहिर करते हुए कहा, ‘हेरा फेरी’ कोई हल्की-फुल्की चीज़ नहीं है। ये एक सिचुएशनल कॉमेडी है। अगर मेरी ज़िंदगी बर्बाद हो रही है, तो ऐसे में मैं कौन सा डायलॉग बोलूंगा? असल में, किरदारों की प्रतिक्रियाएं ही इन दृश्यों को मजेदार बनाती हैं। उन्होंने मौजूदा फिल्मों की स्क्रिप्ट पर तंज कसते हुए कहा, आजकल की फिल्मों में जो कॉमेडी दिखाई जाती है, वो व्हाट्सएप जोक्स जैसी लगती है। उनमें असली राइटिंग और भावनाओं की कमी है।————–
(Udaipur Kiran) / लोकेश चंद्र दुबे
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