Main Gate Vastu Shastra : घर बनाते समय लोग अक्सर डिज़ाइन, बजट और लोकेशन पर ज्यादा ध्यान देते हैं, लेकिन एक चीज़ जो सबसे अहम होती है, वह है मुख्य दरवाजे की दिशा (Main Door Direction as per Vastu)।
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर का मुख्य द्वार न केवल वास्तु संतुलन का केंद्र होता है, बल्कि यहीं से घर में सकारात्मक या नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश भी होता है।
इसीलिए कहा जाता है — “घर का द्वार सही दिशा में हो तो लक्ष्मी का स्थायी निवास होता है।”
क्यों ज़रूरी है मुख्य दरवाजे की सही दिशा?
मुख्य दरवाजा सिर्फ एक प्रवेश द्वार नहीं, बल्कि पूरे घर की ऊर्जा का मार्ग है। अगर यह गलत दिशा में बना हो, तो घर में कई तरह की परेशानियाँ आने लगती हैं — आर्थिक रुकावटें, रिश्तों में तनाव और मानसिक अशांति तक।
वहीं सही दिशा में दरवाजा होने से घर में सुख, समृद्धि और शांति का वास बना रहता है।
घर का मुख्य दरवाजा किस दिशा में होना शुभ होता है?
वास्तु शास्त्र के अनुसार उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) और पूर्व दिशा को घर के मुख्य द्वार के लिए सबसे शुभ माना गया है। पूर्व दिशा से सूर्य की पहली किरण घर में प्रवेश करती है, जिससे वातावरण ऊर्जावान और पवित्र बना रहता है।
यदि प्लॉट या जगह की स्थिति ऐसी हो कि दरवाजा पूर्व में न बने, तो उत्तर दिशा भी एक उत्तम विकल्प मानी जाती है।
पश्चिम दिशा वाले घर के लिए क्या करें?
अगर घर का मुख्य दरवाजा पश्चिम दिशा में है, तो दरवाजा बिल्कुल बीच (मध्य भाग) में होना चाहिए। वास्तु के अनुसार, ऐसा घर स्थिरता और संतुलन प्रदान करता है और धन में वृद्धि के योग बनाता है।
दरवाजे का आकार कैसा होना चाहिए?
मुख्य दरवाजा न तो बहुत बड़ा होना चाहिए और न ही बहुत छोटा। दरवाजे का आकार पूरे घर के अनुपात में होना चाहिए ताकि ऊर्जा का प्रवाह संतुलित बना रहे।
हमेशा ध्यान रखें कि दरवाजे के पल्ले अंदर की ओर खुलें — यह समृद्धि और शुभता का संकेत माना जाता है।
रसोईघर के दरवाजे की दिशा
घर की बरकत और सेहत रसोईघर से जुड़ी होती है। रसोई का दरवाजा उत्तर, पश्चिम, या दक्षिण-पूर्व (आग्नेय कोण) दिशा में होना शुभ माना गया है।
इन दिशाओं से रसोई में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
यदि उत्तर या पश्चिम दिशा संभव न हो, तो दक्षिण-पूर्व दिशा सर्वोत्तम विकल्प है, क्योंकि यह अग्नि तत्व की दिशा है — जो रसोई के लिए उपयुक्त मानी जाती है।
मुख्य दरवाजे पर क्या बांधना शुभ होता है?
वास्तु के अनुसार घर के दरवाजे पर शुभ प्रतीक लगाने से नकारात्मक शक्तियाँ प्रवेश नहीं कर पातीं। आप दरवाजे पर आम के पत्तों का तोरण, तुलसी की सूखी जड़, या मंगल कलश लटका सकते हैं।
कई लोग नमक की पोटली भी दरवाजे के पास रखते हैं, जो नकारात्मक ऊर्जा को सोख लेती है। इन उपायों से घर में सुख-शांति बनी रहती है और धन वृद्धि के मार्ग खुलते हैं।
दरवाजे के सामने क्या नहीं होना चाहिए?
मुख्य दरवाजे के ठीक सामने गंदगी, कूड़ा, या कोई बाधा नहीं होनी चाहिए। गंदे पानी का बहाव या धूल-कंकड़ जमा होना भी नकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित करता है।
घर के बाहर का हिस्सा हमेशा साफ और सुव्यवस्थित रखें, क्योंकि मां लक्ष्मी वहीं प्रवेश करती हैं, जहां सफाई और शुद्धता हो।
दरवाजे को कैसे सजाएं?
घर का दरवाजा न सिर्फ वास्तु के लिहाज से, बल्कि सौंदर्य की दृष्टि से भी आकर्षक होना चाहिए। आप दरवाजे पर ॐ या स्वास्तिक का चिन्ह बना सकते हैं और एक सुंदर नेमप्लेट लगाएं।
दरवाजे के पास मधुर ध्वनि देने वाली डोरबेल लगाना भी शुभ माना जाता है, जबकि तेज या भारी आवाज़ वाली घंटी से बचना चाहिए।
घर का मुख्य दरवाजा आपके जीवन की ऊर्जा का प्रवेश द्वार होता है। यदि आप इसे सही दिशा में बनाते हैं, तो घर में खुशहाली, समृद्धि और सकारात्मकता बनी रहती है।
इसलिए अगली बार जब आप नया घर बनवाएं या खरीदें, तो वास्तु शास्त्र के इन सरल लेकिन प्रभावशाली नियमों को ज़रूर ध्यान में रखें।
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