Next Story
Newszop

न्यूनतम बैलेंस नियम 2025: SBI, PNB, HDFC बैंक में बदलाव, जानें नई शर्तें और पेनल्टी से बचने के उपाय

Send Push

भारत के प्रमुख बैंकों जैसे स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), पंजाब नेशनल बैंक (PNB), और HDFC बैंक ने अपने न्यूनतम बैलेंस नियमों में बदलाव की घोषणा की है, जो 1 अप्रैल 2025 से लागू होंगे। यह बदलाव शहरी, अर्ध-शहरी, और ग्रामीण क्षेत्रों के खाताधारकों को प्रभावित करेगा। अगर आप भी इन बैंकों के ग्राहक हैं, तो नई शर्तों को समझना और पेनल्टी से बचना जरूरी है। आइए, इन बदलावों को विस्तार से जानते हैं और समझते हैं कि आप अपने पैसे को कैसे सुरक्षित रख सकते हैं।

SBI में न्यूनतम बैलेंस: क्या है नया नियम?

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने 2020 से अपने नियमित बचत खातों के लिए न्यूनतम बैलेंस की अनिवार्यता को खत्म कर दिया था, जिससे लाखों ग्राहकों को राहत मिली। हालांकि, सोशल मीडिया पर कुछ अपुष्ट खबरें हैं कि अप्रैल 2025 से SBI न्यूनतम बैलेंस को ₹0 से बढ़ाकर ₹1,000 कर सकता है। बैंक ने अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है, लेकिन विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि ग्राहक अपने खाते की स्थिति की नियमित जांच करें। अगर आप सरकारी योजनाओं के लाभार्थी हैं, तो SBI के जीरो बैलेंस खाते आपके लिए एक बेहतर विकल्प हो सकते हैं। यह नियम खासकर छात्रों और कम आय वाले लोगों के लिए फायदेमंद है।

HDFC बैंक: सख्त नियम, ज्यादा पेनल्टी

HDFC बैंक में न्यूनतम औसत मासिक बैलेंस (AMB) की शर्तें पहले से ही सख्त हैं। शहरी क्षेत्रों में ग्राहकों को ₹10,000 और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में ₹5,000 का बैलेंस बनाए रखना होगा। अपुष्ट खबरों के अनुसार, अप्रैल 2025 के बाद यह सीमा बढ़ सकती है। अगर आप इस बैलेंस को बनाए नहीं रखते, तो 6% की पेनल्टी या अधिकतम ₹600 तक का शुल्क देना पड़ सकता है। उदाहरण के लिए, अगर आपका बैलेंस ₹8,000 तक गिर जाता है, तो आपको ₹300 की पेनल्टी देनी पड़ सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर आपके पास ₹1 लाख की सावधि जमा (FD) है, तो न्यूनतम बैलेंस की शर्त से छूट मिल सकती है।

PNB: ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में अलग-अलग नियम

पंजाब नेशनल बैंक ने अपने न्यूनतम त्रैमासिक औसत बैलेंस (QAB) को शहरी क्षेत्रों में ₹3,000, अर्ध-शहरी क्षेत्रों में ₹2,000, और ग्रामीण क्षेत्रों में ₹1,000 निर्धारित किया है। सोशल मीडिया पर चर्चा है कि अप्रैल 2025 से यह सीमा बढ़कर ₹5,000 हो सकती है। अगर आप इस बैलेंस को बनाए नहीं रखते, तो ₹400 से ₹600 तक की पेनल्टी लग सकती है। PNB ने पिछले पांच वर्षों में न्यूनतम बैलेंस न रखने की पेनल्टी से ₹1,538 करोड़ की कमाई की है, जो दर्शाता है कि ग्राहकों को सतर्क रहने की जरूरत है।

पेनल्टी से बचने के आसान उपाय

इन बदलावों के बीच, आप कुछ स्मार्ट कदम उठाकर पेनल्टी से बच सकते हैं। सबसे पहले, अपने बैंक की आधिकारिक वेबसाइट या शाखा से नवीनतम नियमों की जानकारी लें। अगर आपका खाता न्यूनतम बैलेंस बनाए रखने में सक्षम नहीं है, तो जीरो बैलेंस खाते में स्विच करने पर विचार करें। इसके अलावा, ऑटोमेटेड ट्रांसफर सेट करें, ताकि आपके खाते में हमेशा पर्याप्त बैलेंस रहे। अगर आपके पास अतिरिक्त धनराशि है, तो सावधि जमा (FD) में निवेश करें, क्योंकि कई बैंक FD धारकों को न्यूनतम बैलेंस की शर्तों में छूट देते हैं।

क्यों जरूरी है अपडेट रहना?

पिछले पांच वर्षों में बैंकों ने न्यूनतम बैलेंस न रखने की पेनल्टी से ₹8,500 करोड़ की कमाई की है, जो दर्शाता है कि यह नियम ग्राहकों के लिए कितना महत्वपूर्ण है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अभी तक इन बदलावों पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि बैंकों की नीतियां बदलती रहती हैं, और ग्राहकों को सतर्क रहना चाहिए। अपने खाते की नियमित निगरानी और बैंक से सीधे संपर्क करके आप अनावश्यक खर्चों से बच सकते हैं।

Loving Newspoint? Download the app now