क्या आपने कभी सोचा कि भोजन के बीच में पानी पीना आपकी सेहत के लिए कितना फायदेमंद या नुकसानदेह हो सकता है? आयुर्वेद, हमारी प्राचीन चिकित्सा पद्धति, इस विषय पर गहरी और रोचक जानकारी देती है। बहुत से लोग खाना खाते समय पानी पीने की आदत रखते हैं, लेकिन क्या यह आदत वाकई सही है? आयुर्वेद के अनुसार, भोजन के बीच में पानी पीना अमृत के समान हो सकता है, लेकिन गलत समय पर यह जहर की तरह असर कर सकता है। आइए, इस लेख में हम आयुर्वेद के इस रहस्य को समझते हैं और जानते हैं कि भोजन और पानी का सही तालमेल कैसे आपकी सेहत को बेहतर बना सकता है।
भोजन और पानी: आयुर्वेद का नजरियाआयुर्वेद में भोजन को पवित्र और जीवनदायी माना जाता है। यह न केवल शरीर को पोषण देता है, बल्कि मन और आत्मा को भी संतुलित रखता है। लेकिन जब बात पानी पीने की आती है, तो समय का विशेष महत्व है। आयुर्वेद के प्रसिद्ध ग्रंथ जैसे Charaka Samhita और Sushruta Samhita में बताया गया है कि भोजन के बीच में थोड़ा-थोड़ा पानी पीना पाचन को बेहतर बनाता है। यह पेट में मौजूद Agni (पाचन अग्नि) को संतुलित रखता है, जो भोजन को पचाने में मदद करता है। लेकिन अगर आप भोजन के तुरंत बाद ढेर सारा पानी पी लेते हैं, तो यह Agni को कमजोर कर सकता है, जिससे पाचन तंत्र में गड़बड़ी, गैस, और सूजन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
सही समय और सही मात्रा का महत्वआयुर्वेद के विशेषज्ञ सुझाव देते हैं कि भोजन से पहले थोड़ा पानी पीना ठीक है, क्योंकि यह पेट को तैयार करता है। लेकिन भोजन के दौरान पानी को छोटे-छोटे घूंटों में लेना चाहिए, न कि एक साथ बहुत ज्यादा। उदाहरण के लिए, अगर आप भोजन के साथ गर्म पानी या हर्बल टी पीते हैं, तो यह पाचन को और बेहतर बनाता है। दूसरी ओर, ठंडा पानी या कोल्ड ड्रिंक्स (Coca-Cola, Pepsi) भोजन के साथ लेना Agni को दबा सकता है, जिससे भोजन ठीक से नहीं पचता। आयुर्वेद में यह भी कहा गया है कि भोजन के कम से कम एक घंटे बाद ही अधिक पानी पीना चाहिए, ताकि पाचन प्रक्रिया बिना किसी रुकावट के पूरी हो सके।
क्या कहते हैं आधुनिक विशेषज्ञ?आधुनिक चिकित्सा भी आयुर्वेद के इस सिद्धांत से कुछ हद तक सहमत है। Harvard Medical School के पोषण विशेषज्ञों के अनुसार, भोजन के साथ ज्यादा पानी पीने से पेट में मौजूद पाचन एंजाइम कमजोर हो सकते हैं। वहीं, Ayush Ministry द्वारा प्रचारित आयुर्वेदिक दिशानिर्देशों में भी इस बात पर जोर दिया गया है कि भोजन के साथ संतुलित मात्रा में पानी पीना सेहत के लिए फायदेमंद है। अगर आप रोजाना Yoga या Pranayama करते हैं, तो यह आपके पाचन तंत्र को और मजबूत करता है, जिससे पानी और भोजन का तालमेल और बेहतर होता है।
अपने भोजन की आदतों को कैसे सुधारें?अगर आप अपनी सेहत को बेहतर बनाना चाहते हैं, तो आयुर्वेद के इन सरल नियमों को अपनाएं। भोजन से पहले एक गिलास गुनगुना पानी पीएं, जिसमें नींबू या अदरक मिला हो। भोजन के दौरान छोटे-छोटे घूंटों में पानी लें और कोशिश करें कि यह गुनगुना हो। भोजन के बाद तुरंत पानी पीने से बचें और कम से कम 45 मिनट से एक घंटे तक इंतजार करें। इसके अलावा, Tulsi Tea या Ginger Tea जैसे पेय पदार्थ पाचन को बढ़ावा देते हैं और सेहत के लिए फायदेमंद हैं। अगर आप Patanjali जैसे ब्रांड्स के आयुर्वेदिक उत्पादों का उपयोग करते हैं, तो उनके हर्बल चाय या पाचन चूर्ण भी आपके
आयुर्वेद हमें सिखाता है कि जीवन में संतुलन ही सबसे बड़ा रहस्य है। भोजन और पानी का सही तालमेल न केवल आपके पाचन तंत्र को मजबूत करता है, बल्कि आपको तरोताजा और ऊर्जावान भी रखता है। तो अगली बार जब आप खाना खाएं, तो इस बात का ध्यान रखें कि पानी को सही समय और सही मात्रा में पिएं। आयुर्वेद के इस छोटे से नियम को अपनाकर आप अपनी सेहत में बड़ा बदलाव ला सकते हैं।
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