केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए एक बड़ी खबर सामने आ रही है, जो उनके चेहरों पर मुस्कान ला सकती है। आठवें वेतन आयोग की चर्चा जोरों पर है, और हालिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगर इसे लागू किया जाता है, तो सरकारी कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में 30-34% की शानदार बढ़ोतरी हो सकती है। यह बदलाव करीब 1.1 करोड़ लोगों के लिए राहत भरा हो सकता है, जिसमें 44 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 68 लाख पेंशनर्स शामिल हैं। आइए, इस खबर को विस्तार से समझते हैं और जानते हैं कि यह आपके लिए क्या मायने रखता है।
वेतन आयोग का गठन और संभावित समयसीमाआठवां वेतन आयोग अभी प्रारंभिक चरण में है। सरकार ने इसकी घोषणा तो कर दी है, लेकिन आयोग के अध्यक्ष, सदस्यों और नियम-शर्तों की नियुक्ति अभी बाकी है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि नया वेतन ढांचा जनवरी 2026 से लागू हो सकता है, लेकिन प्रक्रिया में देरी होने पर यह वित्तीय वर्ष 2026-27 तक टल सकता है। एम्बिट कैपिटल की एक रिपोर्ट के अनुसार, सातवां वेतन आयोग लागू होने में 18-24 महीने लगे थे, और इस बार भी ऐसी ही समयसीमा संभावित है। इस दौरान आयोग अपनी सिफारिशें तैयार करेगा, जिसके बाद सरकार की मंजूरी के साथ नया वेतन लागू होगा।
सैलरी और पेंशन में कितनी बढ़ोतरी होगी?रिपोर्ट्स के मुताबिक, आठवें वेतन आयोग के तहत सैलरी और पेंशन में 30-34% की बढ़ोतरी की उम्मीद है। इसका कैलकुलेशन फिटमेंट फैक्टर के आधार पर होगा, जो 1.83 से 2.46 के बीच हो सकता है। उदाहरण के लिए, यदि किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 20,000 रुपये है और फिटमेंट फैक्टर 2 लागू होता है, तो उनकी नई सैलरी 40,000 रुपये हो सकती है। यह बढ़ोतरी न केवल बेसिक सैलरी में होगी, बल्कि महंगाई भत्ता (DA), मकान किराया भत्ता (HRA), और यात्रा भत्ता (TA) जैसे अन्य लाभों में भी वृद्धि होगी। पेंशनर्स के लिए भी बेसिक पेंशन में बढ़ोतरी होगी, जो उनकी आर्थिक स्थिति को और मजबूत करेगा।
किन्हें मिलेगा इस आयोग का लाभ?इस वेतन आयोग का लाभ करीब 1.1 करोड़ लोगों को मिलने की उम्मीद है। इसमें 44 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 68 लाख पेंशनर्स शामिल हैं। कर्मचारियों को बेसिक सैलरी के साथ-साथ अन्य भत्तों में बढ़ोतरी का फायदा मिलेगा, जबकि पेंशनर्स को मुख्य रूप से बेसिक पेंशन और महंगाई भत्ते में वृद्धि मिलेगी। यह बदलाव न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाएगा, बल्कि उनके जीवन स्तर को भी ऊंचा उठाएगा। खास तौर पर, रिटायरमेंट के बाद पेंशनर्स के लिए यह एक बड़ी राहत होगी।
पहले वेतन आयोगों ने क्या बदला?पिछले वेतन आयोगों ने भी सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। छठे वेतन आयोग (2006) के तहत सैलरी और भत्तों में कुल 54% की बढ़ोतरी हुई थी, जो उस समय कर्मचारियों के लिए एक बड़ा तोहफा थी। वहीं, सातवें वेतन आयोग (2016) ने बेसिक सैलरी में 14.3% और भत्तों सहित पहले साल में कुल 23% की बढ़ोतरी की थी। इस बार भी आठवां वेतन आयोग कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए एक नई आर्थिक उम्मीद लेकर आ रहा है।
सैलरी का कैलकुलेशन कैसे होता है?केंद्र सरकार के कर्मचारियों की सैलरी कई हिस्सों से मिलकर बनती है। इसमें बेसिक सैलरी, महंगाई भत्ता (DA), मकान किराया भत्ता (HRA), यात्रा भत्ता (TA), और अन्य छोटे-मोटे लाभ शामिल हैं। पहले बेसिक सैलरी कुल पैकेज का 65% थी, लेकिन अब यह घटकर 50% रह गई है। पेंशनर्स को HRA और TA जैसे भत्ते नहीं मिलते, इसलिए उनकी बढ़ोतरी मुख्य रूप से बेसिक पेंशन और DA में होती है। उदाहरण के लिए, सातवें वेतन आयोग के तहत न्यूनतम बेसिक सैलरी 18,000 रुपये है। अगर आठवें वेतन आयोग में 30% की बढ़ोतरी होती है, तो यह बढ़कर 23,400 रुपये हो जाएगी।
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