भारत में मानसून का इंतज़ार हर साल उत्साह और उम्मीद के साथ होता है। यह मौसम न केवल खेतों को हरा-भरा करता है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था और लोगों के जीवन को भी प्रभावित करता है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने इस साल के मानसून को लेकर एक राहत भरी खबर दी है। 2025 में देश में औसत से 105% अधिक बारिश होने की संभावना है। यह खबर किसानों, व्यापारियों और आम लोगों के लिए खुशी का कारण बन सकती है। लेकिन क्या इस बार अल नीनो का कोई खतरा है? आइए, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
मानसून 2025: क्या कहता है मौसम विभाग?
IMD के अनुसार, इस साल जून से सितंबर तक चलने वाला दक्षिण-पश्चिम मानसून सामान्य से बेहतर प्रदर्शन करेगा। मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि देश के अधिकांश हिस्सों में अच्छी बारिश होगी, जो कृषि क्षेत्र के लिए एक वरदान साबित हो सकती है। भारत में करीब 42% आबादी की आजीविका खेती पर निर्भर है, और मानसून की बारिश उनकी फसलों के लिए जीवन रेखा का काम करती है। इस बार बारिश का वितरण भी संतुलित रहने की उम्मीद है, हालांकि कुछ क्षेत्रों में थोड़ी कमी देखी जा सकती है।
अल नीनो का खतरा हुआ खत्म
पिछले कुछ सालों में अल नीनो ने मानसून को प्रभावित किया था, जिसके कारण कई जगहों पर कम बारिश या सूखे की स्थिति बनी थी। लेकिन इस बार राहत की बात यह है कि IMD ने अल नीनो की संभावना को पूरी तरह खारिज कर दिया है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि इस साल न्यूट्रल ENSO (एल नीनो-सदर्न ऑसिलेशन) की स्थिति बनी रहेगी, जो मानसून के लिए अनुकूल है। इसके अलावा, इंडियन ओशियन डाइपोल (IOD) भी सामान्य रहेगा, जो बारिश को और बढ़ावा देगा। यह खबर उन किसानों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जो धान, गेहूं और अन्य खरीफ फसलों की बुआई की तैयारी कर रहे हैं।
किन राज्यों में होगी जमकर बारिश?
IMD ने अपने पूर्वानुमान में बताया है कि इस साल देश के ज्यादातर हिस्सों में अच्छी बारिश होगी। खासकर मध्य भारत, पश्चिमी भारत और दक्षिणी राज्यों में मानसून मेहरबान रहेगा। मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में सामान्य से अधिक बारिश की संभावना है। हालांकि, लद्दाख, पूर्वोत्तर के कुछ हिस्से और तमिलनाडु में बारिश औसत से कम रह सकती है। मौसम विभाग ने यह भी चेतावनी दी है कि जलवायु परिवर्तन के कारण कुछ जगहों पर भारी बारिश की घटनाएं बढ़ सकती हैं, जिसके लिए प्रशासन को तैयार रहना होगा।
किसानों और अर्थव्यवस्था के लिए सुनहरा मौका
मानसून की अच्छी बारिश न केवल किसानों के लिए राहत लाएगी, बल्कि यह देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देगी। खेती से होने वाली आय में वृद्धि से ग्रामीण क्षेत्रों में खपत बढ़ेगी, जिसका असर बाजारों पर भी दिखेगा। इसके अलावा, जलाशयों और नदियों में पानी की उपलब्धता बढ़ने से बिजली उत्पादन और पेयजल आपूर्ति में भी सुधार होगा। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार और स्थानीय प्रशासन को बाढ़ और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए पहले से तैयारी कर लेनी चाहिए।
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