जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए दिल दहला देने वाले आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस भयावह घटना में कई बेगुनाह पर्यटकों की जान चली गई, जिससे हर तरफ गम और गुस्से का माहौल है। इस बीच, टीवी की मशहूर अभिनेत्री देवोलीना भट्टाचार्जी ने सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जाहिर की है। हमेशा बेबाकी से अपनी बात रखने वाली देवोलीना ने इस बार न केवल आतंकियों के खिलाफ गुस्सा निकाला, बल्कि कुछ गहरे सवाल भी उठाए। उनके एक्स पोस्ट्स ने सोशल मीडिया पर तूफान ला दिया, और लोग उनके साहस की तारीफ कर रहे हैं। आइए, जानते हैं कि देवोलीना ने क्या कहा और क्यों उनकी बातें चर्चा का केंद्र बनी हुई हैं।
गुस्से में लाल देवोलीना: सवालों का तीखा वारपहलगाम में हुए आतंकी हमले ने न केवल आम लोगों को, बल्कि मशहूर हस्तियों को भी गहरे सदमे में डाल दिया। देवोलीना, जो अपनी सीधी और बेबाक बातों के लिए जानी जाती हैं, इस बार अपने गुस्से को रोक नहीं पाईं। उन्होंने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर कई पोस्ट्स कीं, जिनमें उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई की माँग की। उन्होंने लिखा कि कैंडल मार्च और शोक जताना तो ठीक है, लेकिन असल सवाल यह है कि बिना स्थानीय मदद के ऐसे हमले कैसे संभव हो पाते हैं। उन्होंने कश्मीरी पंडितों के साथ हुई त्रासदी का जिक्र करते हुए कहा कि इतिहास फिर से दोहराया जा रहा है। यह बात उनके गहरे अवलोकन और समाज के प्रति उनकी संवेदनशीलता को दर्शाती है।
आतंकी हमले और धर्म का सवाल
देवोलीना ने अपने पोस्ट में एक ऐसा सवाल उठाया, जिसने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी। उन्होंने पूछा, “ये सारे आतंकवादी और आतंकी हमले इस्लामिक ही क्यों होते हैं? क्या परवरिश होती है इनकी?” यह सवाल बेहद संवेदनशील है, और इसने कई लोगों का ध्यान खींचा। खुद एक मुस्लिम परिवार की बहू होने के बावजूद, देवोलीना ने बिना किसी डर के अपनी बात रखी। उन्होंने यह भी कहा कि वे वास्तव में इस सवाल का जवाब जानना चाहती हैं कि आखिर ऐसी मानसिकता कैसे बनती है। उनके इस सवाल ने कुछ लोगों का समर्थन हासिल किया, तो कुछ ने उन्हें ट्रोल करने की कोशिश की। लेकिन देवोलीना ने साफ किया कि उनकी मंशा नफरत फैलाना नहीं, बल्कि एक गंभीर मुद्दे पर चर्चा शुरू करना है।
सरकार से सख्त एक्शन की माँग
देवोलीना ने अपने पोस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को टैग करते हुए सख्त कार्रवाई की माँग की। उन्होंने लिखा, “सर, प्लीज, हम रैलियों में भाषण नहीं सुनना चाहते। हमें एक्शन चाहिए, और वो भी तोड़-फोड़ वाला। अब बहुत हो गया। जय हिंद।” उनकी यह माँग देश के उन लाखों लोगों की भावनाओं को दर्शाती है, जो इस हमले के बाद गुस्से में हैं। देवोलीना ने यह भी कहा कि शांति से जीना कुछ लोगों को पचता नहीं, और यही नफरत बार-बार ऐसी त्रासदियों को जन्म देती है। उनकी यह बेबाकी और देश के प्रति प्यार लोगों के दिलों को छू गया।
सोशल मीडिया पर मिश्रित प्रतिक्रियाएँ
देवोलीना के पोस्ट्स ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया। जहाँ कुछ लोग उनके साहस और सच्चाई की तारीफ कर रहे हैं, वहीं कुछ ने उन्हें ट्रोल करने की कोशिश की। कुछ यूजर्स ने उनके निजी जीवन पर टिप्पणी करते हुए कहा कि उन्हें ऐसे मुद्दों पर बोलने का हक नहीं। लेकिन देवोलीना ने इन ट्रोल्स को करारा जवाब दिया। उन्होंने एक पोस्ट में लिखा कि जो लोग धर्म और जाति के नाम पर लड़ते हैं, वे असल मुद्दों से भटक जाते हैं। उनकी यह बात समाज को एक गहरी सीख देती है कि हमें एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ना होगा।
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