ELSS vs PPF vs FD : शेयर बाजार में उथल-पुथल के बीच रिटेल निवेशकों के मन में हमेशा यही सवाल घूमता रहता है कि निवेश के इतने सारे ऑप्शंस में से कौन सा उनके लिए बेस्ट रहेगा। यानी किसमें पैसा लगाने से कम नुकसान होगा या फिर ज्यादा ब्याज मिलेगा। ऐसे में आज हम आपको ELSS, PPF और FD स्कीम्स के बारे में पूरी डिटेल से बताने जा रहे हैं। किस स्कीम में कितना ब्याज मिलता है और किसमें ज्यादा फायदा होता है?
ELSS, PPF बनाम FD
ELSS – जिन्हें इसकी जानकारी नहीं है, उन्हें बता दें कि इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम या ELSS, म्यूचुअल फंड का एक प्रकार है जो धारा 80सी के तहत सालाना 1.5 लाख रुपये तक की छूट देता है। ये म्यूचुअल फंड शेयरों में निवेश करते हैं और इनकी लॉक-इन अवधि तीन साल की होती है। सेबी के नियमों के अनुसार, ELSS म्यूचुअल फंडों को अपनी कुल राशि का कम से कम 80 प्रतिशत शेयरों में लगाना होता है।
PPF – वहीं, पब्लिक प्रोविडेंट फंड एक सरकारी बचत योजना है जो पक्का रिटर्न देती है। PPF पर अभी ब्याज दर 7.1 प्रतिशत प्रति वर्ष है। ELSS की तरह, PPF में निवेश पर आयकर कानून की धारा 80सी के तहत हर साल 1.5 लाख रुपये तक की छूट मिलती है। PPF में 15 साल की लंबी लॉक-इन अवधि होती है।
FD – FD भी बैंकों द्वारा दी जाने वाली एक निवेश योजना है जो थोड़ी कम ब्याज दर लगभग 6-6.5 प्रतिशत प्रति वर्ष देती है। इन पर कोई कर छूट नहीं मिलती और इनसे होने वाली कमाई पर कर लगता है। हालांकि, इनमें कोई लॉक-इन अवधि नहीं होती है।
कहां मिलेगी ज्यादा छूट?
नई कर व्यवस्था में ELSS और PPF में निवेश पर छूट नहीं मिलती, तो क्या निवेशकों को इनसे दूर रहना चाहिए? मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, विशेषज्ञ किसी निवेश को सिर्फ कर बचत के लिए देखने की सलाह नहीं देते। नई कर व्यवस्था में टैक्स बचाने के लिए किसी निवेश की जरूरत नहीं है। इससे ELSS फंड्स में पैसे आने में कमी आई है क्योंकि कई मध्यम आय वर्ग के लोग नई कर व्यवस्था चुन रहे हैं, जो डिफॉल्ट विकल्प भी है।
लेकिन निवेश की बात करें तो इसे सिर्फ टैक्स बचाने के लिए नहीं, बल्कि अपने वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए करना चाहिए। ELSS उन लोगों के लिए अभी भी अच्छा है जो शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं और निवेश में अनुशासन रखना चाहते हैं। चूंकि ELSS में लगाया पैसा 3 साल तक नहीं निकाला जा सकता, इसलिए यह निवेशकों को कम से कम 3 साल तक शेयरों में लगा रहने और मुनाफा कमाने के लिए प्रेरित करता है।
कहां मिलता है ज्यादा रिटर्न
रिटर्न की बात करें तो PPF निवेश FD से दो कारणों से बेहतर है। पहला, यह FD पर मिलने वाले 6-7 प्रतिशत ब्याज की तुलना में 7.1 प्रतिशत प्रति वर्ष ब्याज देता है। वहीं, ELSS को अन्य दो विकल्पों से भी बेहतर माना जा रहा है। एक पूरी श्रेणी के रूप में, ELSS म्यूचुअल फंडों ने पिछले तीन वर्षों में औसतन 17.10% प्रति वर्ष का रिटर्न दिया है।
जहां PPF अभी 15 साल की लॉक-इन अवधि के साथ 7.1% का पक्का रिटर्न देता है और FD 5 साल की लॉक-इन के साथ लगभग 7% रिटर्न देते हैं, वहीं शेयरों से जुड़े ELSS फंडों ने औसतन 5 साल में 20% से ज्यादा का सालाना रिटर्न दिया है। बाजार से जुड़े होने के बावजूद, इनका 3 साल का छोटा लॉक-इन और लंबे समय में पैसा बढ़ाने की क्षमता इन्हें खासकर युवा निवेशकों के लिए आकर्षक बनाती है।
म्यूचुअल फंड विविधीकरण, प्रोफेशनल प्रबंधन और आसान निकासी की सुविधा भी देते हैं जो सीधे शेयरों या फिक्स्ड इनकम विकल्पों में नहीं होती। दिलचस्प बात यह है कि नई कर व्यवस्था की ओर बढ़ती रुचि के कारण वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 1,600 करोड़ रुपये की निकासी के बावजूद, ELSS उन निवेशकों के लिए सबसे अच्छा साधन बना हुआ है जो पुरानी व्यवस्था में रहते हैं और कर बचत के साथ विकास चाहते हैं।
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