यामीन विकट, ठाकुरद्वारा। दहेज की मांग को लेकर एक विवाहिता को प्रताड़ित करने और उसके ननदोई द्वारा अश्लील हरकतें करने की शिकायत पर पुलिस ने पति सहित छह लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। यह मामला उत्तर प्रदेश के ठाकुरद्वारा क्षेत्र का है, जहां पीड़िता ने अपनी आपबीती सुनाकर ससुराल वालों पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
शादी के बाद शुरू हुआ उत्पीड़नकोतवाली क्षेत्र के ग्राम पीलखपुर निवासी शफी अहमद की बेटी नाजमीन की शादी 4 मार्च 2024 को उत्तराखंड के थाना कुंडा क्षेत्र के ग्राम बेतवाला निवासी गुल हसन, पुत्र मेंहदी हसन के साथ हुई थी। नाजमीन ने बताया कि शादी में दिए गए दहेज से उसका पति गुल हसन, ससुर मेंहदी हसन, सास हाशमी, नूरबानो (पत्नी मोइन, हल्द्वानी), गुड़िया (पत्नी इकबाल, हल्द्वानी), और ननदोई इकबाल (पुत्र अब्दुल गफूर, हल्द्वानी) खुश नहीं थे। ससुराल वालों ने दहेज की और मांग शुरू कर दी, जिसके चलते उसे लगातार परेशान किया जाने लगा।
ननदोई ने की घिनौनी हरकतनाजमीन ने अपने ननदोई इकबाल पर बेहद गंभीर आरोप लगाए। उसका कहना है कि इकबाल अक्सर उसके साथ अश्लील हरकतें करता था और अवैध संबंध बनाने के लिए दबाव डालता था। उसने धमकी दी कि अगर उसकी बात नहीं मानी गई तो वह उसे चैन से नहीं जीने देगा। पीड़िता ने बताया कि वह अपने पति के साथ 8 सप्ताह की गर्भवती थी, लेकिन ससुराल वालों की क्रूरता ने उसकी जिंदगी उजाड़ दी।
रात में हुई क्रूरता, गर्भपात का दर्दनाजमीन ने बताया कि 27 नवंबर 2024 की रात 11 बजे ननदोई इकबाल उसके कमरे में घुस आया और उसके साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की। जब उसने विरोध किया और अपने सोए हुए पति को जगाया, तो पति और ननदोई ने मिलकर उसे बेरहमी से पीटा। इतना ही नहीं, इकबाल ने उसके पेट पर लात मारी, जिसके बाद उसे ताबेले में बंद कर दिया गया। वहां उसे जबरन गर्भपात की दवा दी गई, जिससे उसका गर्भ गिर गया। इस घटना के बाद पीड़िता खून से लथपथ हालत में मिली।
परिजनों ने बचाई जान, पुलिस ने दर्ज किया केसघटना की सूचना मिलते ही नाजमीन के परिजन मौके पर पहुंचे और उसे अपने साथ घर ले गए। वहां उसका इलाज कराया गया। पीड़िता ने बताया कि उसने कोतवाली पुलिस को तहरीर दी थी, लेकिन शुरू में कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब पुलिस ने इस मामले में गंभीरता दिखाते हुए सभी आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है।
आगे क्या?यह मामला एक बार फिर महिलाओं के खिलाफ होने वाले अत्याचार और दहेज जैसी कुप्रथा को उजागर करता है। पुलिस की कार्रवाई और जांच के नतीजे अब इस मामले में अगला कदम तय करेंगे। समाज में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जागरूकता और सख्त कानूनी कार्रवाई की जरूरत है।
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