यामीन विकट, ठाकुरद्वारा। मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा में स्थित मशहूर मुस्लिम इंटर कॉलेज एक बार फिर सुर्खियों में है। कॉलेज के प्रिंसिपल नईम सैफी पर गंभीर आरोप लगे हैं। उन पर छात्र-छात्राओं से अवैध वसूली, अनुशासनहीनता, गुमराह करने और फंड्स के दुरुपयोग जैसे कई इल्जाम हैं। इन आरोपों के चलते कॉलेज प्रबंधन ने नईम सैफी को निलंबित कर दिया है। फिलहाल, लोकमन सिंह को प्रिंसिपल का कार्यभार सौंपा गया है। इस मामले ने पूरे इलाके में सनसनी मचा दी है।
पूर्व प्रबंधक ने खोली पोलUPUKLive ने इस मामले में कॉलेज के पूर्व प्रबंधक और पूर्व विधायक डॉ. मोहम्मद उल्ला चौधरी से बात की। उन्होंने नईम सैफी पर कई चौंकाने वाले खुलासे किए। डॉ. चौधरी ने बताया कि नईम सैफी पहले अमरोहा में फिजिक्स के टीचर थे, जहां से उन्हें ऐसी ही हरकतों के कारण निकाल दिया गया था। मुस्लिम इंटर कॉलेज में नियुक्ति के कुछ ही दिनों बाद उनके खिलाफ एक केस सामने आया, जिसे दबा दिया गया।
लड़कियों को बनाया एजेंट!मुस्लिम इंटर कॉलेज के पूर्व प्रबंधक और पूर्व विधायक डॉ. मोहम्मद उल्ला चौधरी ने प्रधानाचार्य नईम सैफी पर कई चौंकाने वाले खुलासे किए। pic.twitter.com/QUGcxWnlYL
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डॉ. चौधरी ने सनसनीखेज दावा किया कि नईम सैफी ने कुछ लड़कियों को अपने ‘एजेंट’ के तौर पर इस्तेमाल किया। ये लड़कियां दूसरी छात्राओं को बहला-फुसलाकर प्रिंसिपल के सामने लाती थीं। यह सिलसिला लंबे समय तक चलता रहा। चौधरी ने बताया कि नईम ने अपने ऑफिस में काले शीशे लगवाए थे ताकि बाहर से कोई अंदर न देख सके। कुछ टीचरों ने भी इस बात की पुष्टि की कि जब वे किसी काम से प्रिंसिपल के पास जाते, तो वहां नईम लड़कियों के साथ बातचीत में व्यस्त रहते थे।
2015 में हुआ बवालमुस्लिम कॉलेज के पूर्व प्रबंधक मुख़्तार सैफी ने दिया बड़ा बयान। pic.twitter.com/QdMnmAnJma
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साल 2015 में इस मामले ने और तूल पकड़ा। गुस्साए छात्रों ने नईम सैफी के खिलाफ हंगामा किया और उनकी कार में तोड़फोड़ कर दी। नईम किसी तरह वहां से भाग निकले। एसएसपी के आदेश पर पुलिस ने जांच शुरू की, जिसमें आरोप सही पाए गए। तत्कालीन प्रबंधक को फटकार भी लगी, लेकिन मामला फिर भी लंबा खिंचता रहा।
नईम विवेकानंद कॉलेज में ले गया था छात्रा को
डॉ. चौधरी ने बताया कि उनकी जांच के दौरान वे विवेकानंद इंटर कॉलेज गए। वहां के प्रिंसिपल ने बताया कि नईम सैफी एक लड़की को अपने साथ लेकर आए थे और एक कमरे में कुछ देर रुके। इसके बाद उनके खिलाफ जांच हुई, लेकिन नईम की आर्थिक ताकत के चलते वे हर बार बचते रहे। उस समय के डीआईओएस मिस्टर द्विवेदी के दबाव में कॉलेज प्रबंधन को नईम को फिर से बहाल करना पड़ा।
गबन का भी इल्जामइतना ही नहीं, नईम सैफी पर 8 लाख रुपये के गबन का भी आरोप है। इस मामले ने कॉलेज की साख को और दागदार कर दिया है। स्थानीय लोग और छात्र इस घटना से आक्रोशित हैं और कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
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