राकेश पाण्डेय, लखनऊ
सुल्तानपुर के लम्भुआ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से एक ऐसा मामला सामने आया है, जो इंसानियत को शर्मसार कर देता है। डॉक्टर, जिन्हें हम भगवान का दूसरा रूप मानते हैं, जो मरीजों की जान बचाने के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं, उनमें से कुछ ऐसे भी हैं जो पैसे के लालच में इंसानियत को ताक पर रख देते हैं। लम्भुआ में एक ऐसा ही दिल दहलाने वाला वाकया हुआ, जहां एक डॉक्टर ने नसबंदी के नाम पर एक महिला का गर्भाशय ही निकाल दिया।
पैसे नहीं दिए तो डॉक्टर ने लिया खौफनाक कदमशाहपुर हरबंश गांव की रहने वाली अनीशा को 26 अगस्त को गांव की आशा कार्यकर्ता लम्भुआ सीएचसी लेकर गई थी। अनीशा नसबंदी करवाने के लिए अस्पताल पहुंची थी। आशा कार्यकर्ता ने नसबंदी के लिए 10 हजार रुपये की मांग की। लेकिन अनीशा का परिवार गरीब था और केवल एक हजार रुपये ही दे सका। इस बात से आशा कार्यकर्ता और डॉक्टर नाराज हो गए।
बिना सहमति के गर्भाशय निकालाडॉक्टर ने अनीशा को बिना कुछ बताए और उसकी सहमति लिए बिना नसबंदी की जगह उसका गर्भाशय ही निकाल दिया। इतना ही नहीं, ऑपरेशन के बाद उसे बिना किसी दवा या देखभाल के अस्पताल से बाहर कर दिया गया। उस रात अनीशा की हालत बिगड़ गई, और परिवार सदमे में आ गया।
लोगों में गुस्सा, सवालों के घेरे में स्वास्थ्य सेवाएंयह घटना न केवल एक परिवार के लिए दुखद है, बल्कि यह सवाल उठाती है कि क्या हमारी स्वास्थ्य सेवाएं वाकई सुरक्षित हैं? पैसे के लिए मरीजों की जान से खिलवाड़ करने वाले ऐसे डॉक्टरों पर क्या कार्रवाई होगी? इस मामले ने पूरे इलाके में गुस्सा और डर पैदा कर दिया है।
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